जम्मू और कश्मीर

Jammu-Kashmir: परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर बवाल, आयोग पर लगाया डिक्सन प्लान लागू करने के आरोप

Kunti Dhruw
19 Feb 2022 1:56 PM GMT
Jammu-Kashmir: परिसीमन आयोग की रिपोर्ट पर बवाल, आयोग पर लगाया डिक्सन प्लान लागू करने के आरोप
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जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट पर उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा.

जम्मू कश्मीर में परिसीमन आयोग की अंतरिम रिपोर्ट पर उठा बवाल थमने का नाम नहीं ले रहा, और अब प्रदेश बीजेपी की टीम बी कही जाने वाली अपनी पार्टी ने इस आयोग पर प्रदेश डिक्सन प्लान लागू करने के आरोप लगाए है. पार्टी ने कहा है कि यह रिपोर्ट न तो बीजेपी के हक़ में है और न ही देश हित में है.

जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी ने कहा कि परिसीमन की प्रक्रिया की जो रिपोर्ट्स सामने आई है वो देश हित मे नहीं हैं. उन्होंने कहा कि 2026 में देश भर में परिसीमन होना है, जम्मू कश्मीर में पहले क्यों हुआ, यह सवाल है. इस प्रक्रिया में जाट, सरदार और आम लोगो को नज़रअंदाज़ किया गया है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस आयोग के पास जादुई शक्तिया है जिसके चलते यह प्रक्रिया इतनी जल्दी पूरी हुई.
आयोग ने डिक्सन प्लान लागू किया
यह आयोग लोगो से मिलने नही बल्कि टच एंड गो की नीति से आये थे. बुखारी ने कहा कि वोटरो को फ्लाइंग टैक्सी से वोट डालने जाना पड़ेगा. इस आयोग ने डिक्सन प्लान लागू किया है. बीजेपी पर आरोप लगाते हुए बुखारी ने कहा कि परिसीमन आयोग ने यह रिपोर्ट बीजेपी के कहने पर बनाई है जो न उनके हक में और न मुल्क के हक़ में है. अगर यह बीजेपी के हक़ में होता तो हमारी पार्टी को दिक्कत नहीं होती, लेकिन यह देश हित मे नही है जिससे हमें दिक्कत है.
जम्मू के सांसदों को इस्तफ़ा देना चाहिए

उन्होंने मांग की कि जम्मू के सांसदों को इस्तफ़ा देना चाहिए क्योंकि उन्होंने लोगो की भावनाओ का खयाल नही रखा. अपनी पार्टी ने उम्मीद जताई कि चुनावो के बाद पीएम इसका संज्ञान लेंगे. यह रिपोर्ट जो कॉफ़ी पीते बनाई गई है, इसे वापस लिया जाना चाहये. उन्होंने कहा जम्मू कश्मीर के युवा परेशान है. व्यापारी और किसान परेशान है. प्रशासन हर इमारत पर तिरंगा फहराने की बात करते है जम्मू कश्मीर के लोगो के दिलो में तिरंगा है. बुखारी ने कहा कि सरकार कश्मीरी पंडितों को इलेक्शन पोस्टर की तरह इस्तेमाल कर रही है. इनकी मुश्किलें दूर करनी चाहिये. बॉर्डर से विस्तापित, ट्रांसपोर्टरों की समस्यों पर ध्यान दिया जाना चहिए.



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