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जम्मू और कश्मीर
Jammu-Kashmir: आतंकियों के हाथ में आए अमेरिकी हथियार, घाटी में 40-50 लोकल आतंकवादी
Deepa Sahu
6 May 2022 6:15 PM GMT
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अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में जो हथियार और उपकरण छोड़कर गए थे वे अब आतंकियों के हाथ तक पहुंच चुके हैं।
उधमपुर: अमेरिकी सैनिक अफगानिस्तान में जो हथियार और उपकरण छोड़कर गए थे वे अब आतंकियों के हाथ तक पहुंच चुके हैं। भारतीय सेना के उत्तरी कमांड के कमांडर उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इससे इनकार नहीं किया जा सकता कि अफगानिस्तान में अमेरिका ने जो सामान छोड़ था वह कुछ हद तक आतंकियो के हाथ में आया है।
उन्होंने कहा कि आतंकियों के खिलाफ हमारे हालिया ऑपरेशन में एम-4 राइफल मिली थी, जो मेड इन अमेरिका है। हमें कुछ नाइट विजन डिवाइस मिली है जो मेड इन यूके है और मेड इन चीन है। इसका मतलब है कि कुछ इक्विपमेंट तो आया है। लेकिन इसे इस्तेमाल करने के लिए आतंकियों को ट्रेंड होना चाहिए। हमारी कोशिश यही है कि उस उपकरण और आतंकी का तालमेल ना बैठने दें। जहां उपकरण है वहां आतंकी ना पहुंचे और जहां आतंकी उस तक उपकरण ना पहुंचे। हमें इसमें काफी सफलता भी मिली है।
पीओके में आतंकियों के 6 बड़े, 29 छोटे कैंप
उन्होंने कहा कि आतंकियों की किसी भी घुसपैठ को रोकने के लिए हमारी एंटी इनफिल्ट्रेशन ग्रिड मजबूत है। इस वक्त पीओके में आतंकियों के करीब 6 बड़े कैंप और करीब 29 छोटे कैंप हैं। वहां कई अस्थाई लॉन्च पेड भी हैं। ये लॉन्च पेड पाकिस्तानी सेना के पोस्ट के आसपास होते हैं तो पाकिस्तान आर्मी और इनके बीच मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि पीओके में इस वक्त करीब 200 आतंकी हैं जो घुसपैठ की कोशिश में हैं। घाटी में इस वक्त करीब 40-50 लोकल आतंकवादी हो सकते हैं। विदेशी आतंकियों की संख्या के बारे में कहा नहीं जा सकता।
वे आगे बताते हैं कि पिछले 10-11 महीनों में हमने 21 विदेशी आतंकी मार गिराए हैं इससे दिखता है कि आतंकियों को जो पहले शेल्टर मिलता था वह अब लगातार घट रहा है। इसी तरह जो लोकल आतंकवादी हैं वह कम ट्रेंड हैं। वह पिस्टल के साथ पाए गए हैं। इसका मतलब है कि घाटी में ट्रेंड आतंकवादी हर दिन कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम कई कार्यक्रम चला रहे हैं जिससे युवा गुमराह ना हों। आर्मी के गुड विल स्कूल में 15 हजार स्टूडेंट्स पढ़ रहे हैं, उन्हें भी हम बता रहे हैं कि हमारा देश कैसा है और उनका भविष्य कैसे बनेगा। बच्चे समझ रहे हैं कि पाकिस्तान कैसे उन्हें गुमराह करने की कोशिश कर रहा है। लेफ्टिनेंट जनरल द्विवेदी ने कहा कि ड्रोन एक उम्दा तकनीक है लेकिन पाकिस्तान इसका इस्तेमाल गलत मकसद से कर रहा है। एलओसी और आईबी पर इससे हथियार गिराए जा रहे हैं। हमारी कोशिश ये है कि पूरी निगरानी करके ड्रोन को कैप्चर कर सकें और गिरा सकें।
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