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जम्मू और कश्मीर
जम्मू-कश्मीर: महबूबा मुफ्ती ने कहा- जमीन, नौकरी के बाद अब शिक्षा को बनाया जा रहा निशाना
Kajal Dubey
19 Jun 2022 11:12 AM GMT
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जम्मू-कश्मीर में जमात-ए-इस्लामी के ट्रस्ट फलाह-ए-आम से जुड़े स्कूलों की बंदी के आदेश से कुछ स्कूल प्रभावित हुए हैं। इस पर पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महबूबा मुफ्ती ने रविवार को कहा कि फलाह-ए-आम ट्रस्ट (एफएटी) द्वारा संचालित स्कूलों पर प्रतिबंध प्रदेश के लोगों पर 'अत्याचार का एक और रूप' है। जमीन के स्वामित्व, संसाधनों और नौकरियों के बाद आखिरी 'लक्ष्य' शिक्षा है।
फलाह-ए-आम ट्रस्ट द्वारा संचालित 300 से अधिक शिक्षण संस्थानों को जम्मू-कश्मीर स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित करने से रोक दिया गया है। इसके लिए स्कूल शिक्षा सचिव बी के सिंह ने 13 जून को आदेश जारी किया था।
महबूबा ने सोशल मीडिया पर लिखा, 'एफएटी से संबद्ध स्कूलों पर प्रतिबंध लगाने का कदम जम्मू-कश्मीर के लोगों पर उनके भविष्य को खराब करने के लिए अत्याचार का एक और रूप है। भूमि के स्वामित्व, संसाधनों और नौकरियों के बाद अंतिम लक्ष्य शिक्षा है। मुझे यकीन है कि कश्मीरी इससे उबरेंगे और अपने बच्चों को पीड़ित नहीं होने देंगे।'
उधर, रविवार को सरकारी प्रवक्ता ने कहा है कि 11 मई 1990 को अधिसूचित ट्रस्ट को अवैध घोषित किया जा चुका है। इसमें कुल 11 हजार विद्यार्थी पढ़ रहे थे, जिन्हें निकटवर्ती सरकारी स्कूलों में दाखिले का अवसर दिया गया। इन स्कूलों में काम कर रहे 900 कर्मचारियों को अब तक शिक्षा विभाग में समायोजित किया जा चुका है। सरकार की ओर से 13 जून 2022 को जारी आदेश से 22 स्कूलों के 1915 बच्चे ही प्रभावित हो रहे हैं, जिन्हें समायोजित करने के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे।
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