जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक-एक साल में 1900 मेगावाट तक की क्षमता को बढ़ाया, पूरे सप्ताह 24 घंटा मिलेगा बिजली

Ritisha Jaiswal
9 April 2022 11:53 AM GMT
जम्मू-कश्मीर सरकार ने एक-एक साल में 1900 मेगावाट तक की क्षमता को बढ़ाया, पूरे सप्ताह 24 घंटा मिलेगा बिजली
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जम्मू-कश्मीर के लोगों को पूरे सप्ताह 24 घंटे बिजली देने के अपने प्रयास में सरकार ने एक-एक साल में 1900 मेगावाट तक की क्षमता को बढ़ाया है


जम्मू-कश्मीर के लोगों को पूरे सप्ताह 24 घंटे बिजली देने के अपने प्रयास में सरकार ने एक-एक साल में 1900 मेगावाट तक की क्षमता को बढ़ाया है। बीते वर्ष बिजली उत्पादन, पारेषण और वितरण के क्षेत्र में बदलाव ने बिजली के बुनियादी ढांचे में काफी सकारात्मक बदलाव आया है। 31 मार्च 2021 को कुल पारेषण क्षमता 9153 एमवीए थी, जिसे एक साल में 11016 एमवीए तक बढ़ाया गया है।

अगले तीन वर्षों में बिजली उत्पादन क्षमता दोगुनी होगी
अगले चार वर्षों में जम्मू-कश्मीर को बिजली अधिशेष बनाने के साथ अगले तीन वर्षों में बिजली उत्पादन क्षमता दोगुनी होगी जाएगी। इसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार मिलकर काम कर रही है। बिजली आपूर्ति में आने वाली बाधाओं को दूर करने और विद्युत तंत्र को मजबूत करने, क्षमता वृद्धि, ट्रांसमिशन और वितरण प्रणालियों के उन्नयन के लिए 12,000 करोड़ रुपये का निवेश करने की योजना है।
सरकार ने बड़े पैमाने पर क्षमता वृद्धि कार्यक्रम शुरू किया
जम्मू-कश्मीर 70 वर्षों में 3,500 मेगावाट बिजली का उपयोग करने में सक्षम था, लेकिन अब बिजली उत्पादन क्षमता को अगले तीन वर्षों में दोगुनी और सात वर्षों में तीन गुना हो जाएगी। सरकार के प्रवक्ता ने कहा कि वर्तमान बिजली घाटे को दूर करने के लिए सरकार ने बड़े पैमाने पर क्षमता वृद्धि कार्यक्रम शुरू किया है।
वितरण परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा
इसके अलावा 2000 करोड़ रुपये की पारेषण और वितरण परियोजनाओं को पूरा किया जा रहा है। प्रदेश में सब ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए 6000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि आवंटित की गई है। अगस्त 2019 के बाद से 8394 एमवीए क्षमता की तुलना में कुल क्षमता में 3806 एमवीए जोड़ा गया है।
श्रीनगर शहर में बिजली की तारे जमीन में बिछाई जा रही
जम्मू और श्रीनगर शहर में बिजली की तारे जमीन में बिछाई जा रही हैं। 6702 वितरण ट्रांसफार्मरों की स्थापना के अलावा 33/11 केवी क्षमता के 226 सब स्टेशन स्थापित या संबर्धित किए गए हैं। वितरण नेटवर्क को मजबूत किया जा रहा।
एक माह तक रहेगा बिजली का संकट
प्रदेश में गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी बढ़ने लगी है। बिजली की मांग के अनुरूप बिजली उपलब्ध नहीं होने से बिजली संकट बढ़ने लगा है। ये स्थिति एक महीने तक बनी रह सकती है। संकट से निपटने के लिए सरकार ने प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों में तीन-तीन घंटे की बिजली कटौती करने का फैसला लिया है।
बिजली कटौती का शेड्यूल औद्योगिक क्षेत्रों के लिए
विभाग की ओर से जारी बिजली कटौती का शेड्यूल औद्योगिक क्षेत्रों के लिए है, लेकिन स्थिति में सुधार नहीं हुआ तो रिहाशी इलाकों में भी आने वाले दिनों में बिजली कट देखने को मिलेंगे। बिजली विभाग के एक्सईएन संचरण केसी जमवाल ने कहा कि बिजली मांग के अनुरूप उपलब्ध नहीं हो रही है।इसके कारण औद्योगिक क्षेत्र में बिजली कट लगाए जा रहे हैं। एक महीने तक यही स्थिति बनी रहेगी। प्रतिदिन 500 मेगावाट बिजली कमी दर्ज की जा रही है। इसे पूरा करने के लिए ऐसा किया जा रहा है।


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