जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों को दी खास सलाह, अमरनाथ यात्रा पर जाने से पहले क्या करें और क्या न करें

Renuka Sahu
5 Jun 2022 5:11 AM GMT
Jammu and Kashmir administration gave special advice to pilgrims, dos and donts before going on Amarnath Yatra
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फाइल फोटो 

43 दिनों की अमरनाथ तीर्थयात्रा इस साल 30 जून से शुरू होने वाली है और 11 अगस्त 2022 को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 43 दिनों की अमरनाथ तीर्थयात्रा इस साल 30 जून से शुरू होने वाली है और 11 अगस्त 2022 को रक्षा बंधन के दिन समाप्त होगी. यात्रा को देखते हुए जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने तीर्थयात्रियों के लिए कई अहम दिशा-निर्देश जारी किए हैं. साथ ही जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और प्रधान सचिव नीतीश्वर कुमार ने यात्रा के लिए सलाह दी है कि भक्तों को क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए. नीतीश्वर कुमार ने कहा कि यात्रियों को सुबह सैर पर जाना चाहिए और सांस संबंधित व्यायाम करने चाहिए. उन्होंने यह भी सलाह दी कि यात्रा के दौरान गर्म कपड़े, खाने-पीने का जरूरी सामान तो रखना ही चाहिए, साथ ही खुद को हाइड्रेटेड रखना बेहद जरूरी है.

न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए नीतीश्वर कुमार ने कहा कि जो यात्री अमरनाथ यात्रा के लिए अपना रजिस्ट्रेशन करवा चुके हैं या कराने जा रहे हैं, उन्हें रोजाना 4 से 5 घंटे सुबह या शाम जरूर टहलना चाहिए. इसके पीछे के कारणों को बताते हुए उन्होंने कहा कि बाबा बर्फानी 12,700 फीट की ऊंचाई पर स्थित हैं. लिहाजा, यात्रियों को ऊंचाई वाले रास्ते पर चढ़ना पड़ता है. ऐसे में फिट रहना बेहद जरूरी है. नीतीश्वर कुमार ने यह भी कहा कि जब कोई इतनी ऊंचाइयों पर चढ़ता है, तो उसे ऑक्सीजन की कमी की समस्या से सामना करना पड़ता है. इसके लिए सांसों से संबंधित एक्सरसाइज करना जरूरी है.
गर्म कपड़े जरूर रखें
यात्रा के दौरान यात्रियों को गर्म कपड़े रखने की सलाह देते हुए नीतीश्वर कुमार कहते हैं कि बारिश के दौरान यहां का तापमान 5-6 डिग्री नीचे चला जाता है तो ऐसे में लोगों को गर्म कपड़े की जरूरत पड़ेगी. इससे यात्रा करने में लोगों को आसानी होगी. साथ ही वह यात्रियों को छड़ी और जैकेट साथ रखने की भी सलाह देते हैं.
सुरक्षा पर विशेष जोर
गौरतलब है कि अभी हाल ही में उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के दौरान 90 से अधिक लोगों की जान चली गई. इन यात्रियों की मौत दिल का दौरा पड़ने और अन्य कारणों से हुई. यह यात्रा 3 मई को शुरू हुई थी. ऐसे में नीतीश्वर कुमार की सलाह बेहद अहम है. इस बीच केंद्र सरकार ने केदारनाथ यात्रा और आगामी अमरनाथ यात्रा और रथ यात्रा को देखते हुए संबंधित राज्यों को सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के निर्देश दिए हैं.
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