जम्मू और कश्मीर

पुंछ के बफ्लियाज गांव में पहले गूंजती थी गोलियों की आवाजे, और आज जन-गण-मन की मधुर धुन

Kajal Dubey
18 May 2022 12:48 PM GMT
पुंछ के बफ्लियाज गांव में पहले गूंजती थी गोलियों की आवाजे, और आज जन-गण-मन की मधुर धुन
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सुबह-सुबह प्राथमिक स्कूल से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक लाउड स्पीकर लगाकर प्रार्थना हो रही है। वंदेमातरम के जयघोष व जन-गण-मन सुनाई देता है। बफ्लियाज के हायर सेकेंडरी स्कूल में इस समय करीब 300 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं।
राजौरी, गगन कोहली : पुंछ जिले का गांव बफ्लियाज। जम्मू संभाग को कश्मीर के साथ जोड़ते मुगल रोड़ पर स्थित इस गांव का नाम जहन में आते ही आतंकी हिंसा का दौर याद कर आज भी लोग सिहर उठते हैं। पहाड़ों व जंगलों में आतंकियों के पक्के बंकर, फरमान न मानने वालों की गला रेतकर हत्या, भारत का मात्र नाम लेने पर ही आतंकी मौत के घाट उतर देते थे।
...और आज, इस गांव का पूरा नजारा ही बदल चुका है। पूरी तरह मुस्लिम बहुल इस क्षेत्र में स्थित स्कूलों में दिन की शुरुआत देशभक्ति के तरानों से होती है। बच्चे सुबह की प्रार्थना में देश का नक्शा बनाकर खड़े होते हैं और जन-गण-मन के साथ भारत माता की जय के जयघोष दूर-दूर तक सुनाई देते हैं।
जम्मू संभाग के पुंछ जिले के उप जिला सुरनकोट में बफ्लियाज ब्लाक आता है। इस क्षेत्र में 1995 से लेकर 2011 तक आतंकियों का बोलबाला था। यहां आतंकियों का डर इतना था कि 15 अगस्त हो या 26 जनवरी, स्कूलों में कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं होते थे। लोग अपने घरों के ऊपर तिरंगा झंडा लगाने से डरते थे।
इस क्षेत्र में आतंकियों का सफाया करने के लिए वर्ष 2003 में सेना ने आपरेशन सर्पविनाश चलाकर 65 से अधिक पाकिस्तानी आतंकियों को मार गिराया था। इससे आतंकवाद पर गहरी चोट लगी, लेकिन पूरी तरह समाप्त नहीं हुआ। क्योंकि पाकिस्तान से घुसपैठ कर आने वाले आतंकी पुंछ के मेंढर और कृष्णा घाटी से बफ्लियाज (सुनरकोट) होते हुए कश्मीर का रुख करते थे। आतंकियों का यह रूट रहा है। साल 2011 तक इसी तरह चलता रहा, इसके बाद आतंकवाद के खिलाफ कड़ाई से नकेल कसी जाने लगी और एक-एक कर आतंकियों का सफाया कर दिया गया। अब यहां बदलाव साफ दिखता है। आतंकी घटनाएं अब यहां न के बराबर हैं।
अब यहां का नजारा ऐसा है कि सुबह-सुबह प्राथमिक स्कूल से लेकर हायर सेकेंडरी स्कूल तक लाउड स्पीकर लगाकर प्रार्थना हो रही है। वंदेमातरम के जयघोष व जन-गण-मन सुनाई देता है। बफ्लियाज के हायर सेकेंडरी स्कूल में इस समय करीब 300 बच्चे शिक्षा ग्रहण करने के लिए आते हैं। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों में देशभक्ति की अलख जगाई जा रही है।
यहां के युवा सेना की भर्ती रैली में भी भाग ले रहे : बफ्लियाज के बीडीसी चेयरमैन शफीक मीर ने कहा कि यहां के युवा सेना में भर्ती होने के लिए भर्ती रैलियों में भाग ले रहे हैं। हमारे यहां के लोग देश भक्त थे, देश भक्त हैं और हमेशा देश भक्त रहेंगे।
सुबह राष्ट्रगान होता है तो बहुत अच्छा लगता है : 12वीं के छात्र मुहम्मद फरीद ने कहा कि हमारे स्वजन हमें बताते हैं कि पहले यहां भारत माता की जय कहने वाले को मुखबिर कहकर आतंकी उसका गला रेत देते थे, लेकिन अब ऐसा नहीं है। हमारे स्कूल में सुबह राष्ट्रगान होता है, सभी बच्चे मिलकर गाते हैं तो बहुत अच्छा लगता है।
खुदा करे हमारे बच्चे आतंक का वह दौर न देखें : बफ्लियाज के निवासी व अभिभावक मुहम्मद अनीस ने कहा कि हमने आतंकवाद का वह दौर देखा है। हम नहीं चाहते कि हमारे बच्चे वह सब देखें। खुदा करे हमारे बच्चे आगे बढ़ें और गांव व पूरे देश का नाम रोशन करें। साथ लगते सैला बफ्लियाज गांव के निवासी मुहम्मद तारिक ने कहा कि यही दुआ है कि हमारे बच्चे देश के अच्छे नागरिक बनें। मौजूद केंद्र व राज्य सरकार पर हमें पूरा विश्वास है।
रात को 10 बजे तक खुले रहते हैं बाजार, आतंक पर हमारी नजर : सुरनकोट के डीएसपी तनवीर जिलानी ने कहा कि अब हालात ठीक हो चुके हैं। क्षेत्र में आतंकी वारदात न के बराबर है। आतंकियों के सहयोगियों पर हमारी नजर रहती है। अब रात को 10 बजे तक बाजार खुले रहते हैं।
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