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जम्मू और कश्मीर
हैदरपोरा एनकाउंटरः जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए, जानें क्यों हो रहा विवाद
jantaserishta.com
18 Nov 2021 6:31 AM GMT
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जम्मू: इससे पहले कि हैदरपोरा मुठभेड़ राजनीतिक रूप लेता उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पूरे घटनाक्रम की सच्चाई सामने लाने केे लिए मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं. अपने अधिकारिक ट्वीटर हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि हैदरपोरा मुठभेड़ की जांच अतिरिक्त जिला आयुक्त रैंक के अधिकारी को सौंपी गई है. रिपोर्ट सामने आते ही सरकार उचित कार्रवाई करेगी.
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने इस आदेश में लोगों को यह यकीन भी दिलाया कि सरकार नागरिकों की रक्षा के लिए प्रतिबध है. किसी निर्दोष की हत्या बर्दाश्त नहीं की जाएगी. सरकार का पूरा प्रयास रहेगा कि किसी के साथ भी अन्याय न हो. उन्होंने कहा कि एडीएम अधिकारी जल्द ही इस पर जांच प्रक्रिया शुरू कर देगा. पूरे मामले की जांच करने के बाद जब वह अपना रिपोर्ट पेश करेंगे, उसके अनुसार अगली कार्रवाई होगी.
A magisterial inquiry by officer of ADM rank has been ordered in Hyderpora encounter.Govt will take suitable action as soon as report is submitted in a time-bound manner.JK admin reiterates commitment of protecting lives of innocent civilians&it will ensure there is no injustice.
— Office of LG J&K (@OfficeOfLGJandK) November 18, 2021
हैदरपोरा एनकाउंटर के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकवादी के एक स्थानीय सहयोगी मोहम्मद आमिर माग्रे के परिवार ने बुधवार को उसकी मौत की गहन जांच की मांग की. इसके साथ ही परिवार ने रामबन जिले के गूल इलाके में अपने पैतृक कब्रिस्तान में उसे दफनाने की भी गुहार लगाई. उसके पिता मोहम्मद लतीफ माग्रे ने कहा कि हम सच्चे भारतीय हैं, मेरा बेटा कभी भी आतंकी बनने के बारे में सोच नहीं सकता था.
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिता ने कहा कि मैं जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल से न्याय दिलाने की अपील करता हूं. उन्होंने आगे कहा कि मैं एक भारतीय हूं, मुझे आतंकी के खिलाफ मेरी लड़ाई के लिए सम्मानित किया गया था. मैंने अपने सीने पर गोलियां खाई हैं, लेकिन मेरे बेटे को आतंकवादी घोषित कर दिया गया, ये पूरी तरह से झूठ है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि उसे एक साजिश के तहत मारा गया है. वह मेरे जैसा ही एक राष्ट्रवादी देशभक्त था. आमिर के पिता ने कहा कि हमें हमारे आतंकवाद के खिलाफ काम करने के लिए 15 साल के लिए सुरक्षा दी गई थी. मेरा बेटा श्रीनगर में मजदूरी करने गया था, लेकिन गलत सोर्स से पैसा लेने के लिए उसे आतंकवादी करार दे दिया गया, इसलिए मैं इसकी जांच चाहता हूं. मैं अधिकारियों से मेरे बेटे के शव को भी सौंपने की अपील करता हूं. आमिर की बड़ी बहन मोमिना बेगम ने कहा कि मेरा छोटा भाई हैदरपोरा के एक ऑफिस में काम करता था, जहां वह चाय बनाता था. हम साथ रहते थे, अगर वह आतंकी होता तो मैं उसे कभी अपने साथ नहीं रखती.
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