जम्मू और कश्मीर

कटड़ा में 400 करोड़ की लागत से बनेगा हेरिटेज थीम पार्क, भारतीय संस्कृति की झलक के साथ मिलेगी रामायण, गीता और शिव गाथा की जानकारी

Renuka Sahu
29 March 2022 5:25 AM GMT
कटड़ा में 400 करोड़ की लागत से बनेगा हेरिटेज थीम पार्क, भारतीय संस्कृति की झलक के साथ मिलेगी रामायण, गीता और शिव गाथा की जानकारी
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फाइल फोटो 

मां वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा में 400 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का हेरिटेज थीम पार्क बनेगा।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मां वैष्णो देवी के आधार शिविर कटड़ा में 400 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय स्तर का हेरिटेज थीम पार्क बनेगा। भक्तों को भारतीय संस्कृति की झलक के साथ रामायण, गीता, शिव गाथा की जानकारी मिलेगी। नई पीढ़ी अध्यात्म से रूबरू हो सकेगी। पार्क मां वैष्णो देवी के भक्तों को सुखद अनुभव कराएगा। वहीं, शिवखोड़ी में बाबा भोले के भक्तों के लिए रोपवे की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी। मां वैष्णो देवी यात्रियों को ज्यादा दिनों तक रोकने के लिए योजना बनाई गई है ताकि यहां की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिल सके।

उद्योग व वाणिज्य विभाग और नागरिक उड्डयन विभाग के प्रमुख सचिव रंजन प्रकाश ठाकुर ने अमर उजाला से खास बातचीत में कहा कि आतंकवाद से झुलस रहे जम्मू-कश्मीर का औद्योगिक पिछड़ापन अगले कुछ महीनों में खत्म हो जाएगा। आवश्यकता आधारित नए उद्योग लगेंगे। पारदर्शी व्यवस्था और नई नीतियों की वजह से लोगों का निवेश के प्रति रुझान बढ़ा है। देश के औद्योगिक घरानों से लेकर अंतरराष्ट्रीय जगत ने जम्मू-कश्मीर में निवेश के लिए रुचि दिखाई है। इनमें खाड़ी देशों के निवेशक प्रमुख रूप से शामिल हैं।
कश्मीर के साथ-साथ जम्मू में भी उद्योग लगेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश में आजादी के बाद 75 साल में पांच हजार करोड़ का निवेश हुआ था, लेकिन पिछले एक साल में 51 हजार करोड़ के निवेश से लगने वाले उद्योग के लिए भूमि आवंटन की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। आने वाले दिनों में और भी उद्योग आएंगे। अनुमान है कि इससे पांच लाख लोगों को सीधा रोजगार मिलेगा। एकल खिड़की योजना से 135 सेवाओं को जोड़ दिया गया है। अब दफ्तर आने की जरूरत नहीं है। सब कुछ ऑनलाइन ही हो जाएगा। इसमें बिजली कनेक्शन से लेकर प्रदूषण सर्टिफिकेट तक शामिल है।
जम्मू-कश्मीर होगा फार्मा हब, कैडिला लगाएगी यूनिट
दवा निर्माण के क्षेत्र में हिमाचल की अलग पहचान है, लेकिन आने वाले दिनों में जम्मू-कश्मीर दवा निर्माता कंपनियों का हब होगा। बद्दी से दवा निर्माता कंपनियों ने प्रदेश का रुख किया है। कैडिला कंपनी यहां आ रही है। कैडिला अपनी यूनिट जम्मू में स्थापित करेगी। टेक्सटाइल उद्योग ने भी रुचि दिखाई है। कठुआ की चिनाब टेक्सटाइल्स भी अपना विस्तार कर रहा है। फ्रूट जूस तथा बीवरेज कंपनियां भी आ रही हैं। प्लाईवुड बनाने की कंपनियों ने भी निवेश किया है। औद्योगिक विकास पैकेज के तहत मिल रहे प्रोत्साहन (इंसेंटिव) से कंपनियां आकर्षित हो रही हैं। दावा किया कि यह प्रोत्साहन देशभर में सबसे बेहतरीन है।
मेदांता व अपोलो अस्पताल खुलेंगे
जम्मू-कश्मीर में बेहतरीन स्वास्थ्य सुविधाओं से युक्त अस्पताल का अभाव है। लोग इलाज के लिए जालंधर, अमृतसर या फिर दिल्ली जाने को बाध्य हैं। जो निजी अस्पताल यहां हैं उनमें बेड कम हैं। जम्मू में मेदांता व अपोलो जैसे अंतरराष्ट्रीय स्तर के अस्पताल खुलेंगे। इससे आने वाले दिनों में लोगों को इलाज के लिए बाहर नहीं जाना पड़ेगा। स्वास्थ्य सेवाएं बेहतर होंगी।
कश्मीर में खुलेंगे सात मेडिकल कॉलेज
कश्मीर के काफी सारे बच्चे मेडिकल की पढ़ाई के लिए देश के दूसरे राज्यों के साथ ही विदेशों का रुख करते हैं। इस वजह से यहां निजी क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने का फैसला किया गया है। जल्द ही सात नए मेडिकल कॉलेज खुलेंगे। इसमें 4500 बेड की क्षमता होगी। साथ ही एमबीबीएस की 1100 सीटें भी बढ़ जाएंगी। फिलहाल जम्मू में मेडिकल कॉलेज खोलने का प्रस्ताव नहीं मिला है, लेकिन उम्मीद है कि यहां भी लोग आगे आएंगे।
सऊदी अरब की तीन कंपनियां कर रहीं भारी निवेश
सऊदी अरब की तीन कंपनियां जम्मू-कश्मीर में भारी निवेश कर रही हैं। इनमें एमआर ग्रुप जम्मू के प्रदर्शनी मैदान और श्रीनगर के बादामीबाग के पास दो मल्टीपर्पज आईटी टावर का निर्माण करेगा। इसमें सभी प्रकार की कंपनियां होंगी। लुलू ग्रुप श्रीनगर में मॉल का निर्माण करेगा। डीपी वर्ल्ड कठुआ में इनलैंड कंटेनर डिपो बनाएगा। तीनों ही कंपनियों ने लगभग सभी औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। विदेशी निवेश से जम्मू और कश्मीर दोनों की तस्वीर बदल जाएगी।
जमीन आवंटन पर जिम्मेदारी तय
उद्योग लगाने के लिए जमीन आवंटन पर जिम्मेदारी तय की गई है। इसके लिए शपथ पत्र देना होता है। मेरिट कम च्वाइस आधार पर जमीन आवंटन होता है। अब जमीन आवंटन पर उत्पादन करना ही होगा। जिस उद्देश्य से जमीन ली गई है उसे पूरा न करने पर आवंटन रद्द होगा। लैंड यूज नियमों में बदलाव से उद्योग लगाने का रास्ता साफ हो गया है। अब लैंड यूज में बदलाव के नाम पर खेल बंद हो गया है। निजी औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने का भी सरकार ने फैसला किया है। कोई भी व्यक्ति औद्योगिक क्षेत्र विकसित कर सकता है। सरकार ने भूमि अधिग्रहण करने के बजाय लोगों से स्वयं जमीन की व्यवस्था करने को कहा है ताकि जल्द से जल्द काम शुरू हो सके। सरकार मूलभूत सुविधाएं बिजली-पानी, सड़क की सुविधा उपलब्ध कराएगी।
जम्मू व श्रीनगर से दुबई के लिए हवाई सेवा शीघ्र, 100 उड़ानें होंगी
जम्मू व श्रीनगर से दुबई के लिए हवाई सेवा शुरू होगी। आने वाले दिनों में यहां 100 फ्लाइट आ-जा सकेंगी। यह शेड्यूल हो चुका है। पटना से श्रीनगर के लिए हवाई सेवा शुरू होगी। वाराणसी से जम्मू के लिए सेवा 29 मार्च से शुरू होने जा रही है। जम्मू के सतवारी में 120 एकड़ व श्रीनगर में नया एयरपोर्ट टर्मिनल बनेगा। ट्रैफिक लोड 30 फीसदी हटाने से यात्रियों की संख्या बढ़ी है। हवाई ईंधन पर वैट की दर 26.5 प्रतिशत से घटाकर एक फीसदी कर दिया गया है। यह दर देश में सबसे कम है। इससे विमान किरायों में बढ़ोतरी का सिलसिला थम गया है। श्रीनगर में अंतरराष्ट्रीय कारगो सेवा भी शुरू कर दी गई है जिससे फल-सब्जियां और अन्य उत्पाद को बिना नुकसान के विदेशों में भेजा जाना सुनिश्चित किया गया है।
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