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Jammu: सरकार बुनकरों के सामाजिक-आर्थिक विकास के लिए प्रतिबद्ध
श्रीनगर Srinagar: केंद्रीय वस्त्र मंत्रालय के बुनकर सेवा केंद्र श्रीनगर ने हस्तशिल्प एवं हथकरघा निदेशालय कश्मीर Directorate Kashmir के सहयोग से बुधवार को कश्मीर हाट श्रीनगर में 10वां राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि रहे उद्योग एवं वाणिज्य आयुक्त सचिव विक्रमजीत सिंह ने कहा कि इस दिवस का उद्देश्य सामाजिक-आर्थिक विकास में हथकरघा क्षेत्र के योगदान तथा बुनकरों की आय में वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करना है। विक्रमजीत सिंह ने कहा कि हथकरघा उद्योग के महत्व तथा देश के सामाजिक-आर्थिक विकास में इसके योगदान के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए वर्ष 2015 से हर वर्ष 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जाता है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने बुनकर समुदाय के कल्याण के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से प्रमुख हितधारकों को विभिन्न योजनाओं के बारे में जागरूक करने को कहा ताकि वे इन कार्यक्रमों के तहत परिकल्पित लाभों का लाभ उठा सकें। आयुक्त सचिव ने उन स्टालों का भी दौरा किया जिन पर कश्मीर संभाग के बुनकरों द्वारा सुंदर हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया था। हस्तशिल्प एवं हथकरघा कश्मीर के निदेशक महमूद अहमद शाह ने कहा कि कश्मीर के संदर्भ में हथकरघा दिवस मनाना बहुत महत्वपूर्ण है, क्योंकि शॉल, कालीन अपनी उत्कृष्टता, शैली और गुणवत्ता की विशिष्टता के कारण दुनिया भर में प्रसिद्ध हैं।
उन्होंने कहा कि कश्मीर के बुनकरों Weavers of Kashmir ने इस शिल्प को जीवित रखने के लिए वास्तव में कड़ी मेहनत की है और यह उनके प्रयासों की मान्यता है कि यूनेस्को ने श्रीनगर को "रचनात्मक शहर" के रूप में चुना और हाल ही में विश्व शिल्प परिषद द्वारा विश्व शिल्प शहर के रूप में मान्यता दी। महमूद शाह ने कहा कि शिल्पकारों पर ध्यान केंद्रित करने और बुनकर समुदाय को गौरवान्वित करने के लिए हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है, जिनके प्रयास फल दे रहे हैं और विश्व मंच पर पहचाने जा रहे हैं।