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जम्मू और कश्मीर
जम्मू कश्मीर के विधानसभा, संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जारी, पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
Gulabi Jagat
6 May 2022 12:56 PM GMT
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पाकिस्तान ने जताई आपत्ति
जम्मू कश्मीर में चुनाव कराने को लेकर परिसीमन आयोग ने विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों के परिसीमन को लेकर अंतिम रिपोर्ट जारी की है जिसे लेकर पाकिस्तान ने आपत्ति जताई है.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने इस्लामाबाद में भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को तलब कर एक डिमार्शे सौंपा है. पाकिस्तान ने परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज किया है.
भारत सरकार ने परिसीमन आयोग को जम्मू कश्मीर के विधानसभा और संसदीय क्षेत्रों की सीमाओं को दोबारा निर्धारित करने का काम सौंपा था.
मार्च 2020 में गठित जम्मू कश्मीर पर परिसीमन आयोग ने गुरुवार को अपनी अंतिम रिपोर्ट अधिसूचित की जिसमें जम्मू को छह अतिरिक्त और कश्मीर को एक अतिरिक्त विधानसभा सीट दी गई है. इसके बाद अब 90 सदस्यों वाली विधानसभा में जम्मू की 43 और कश्मीर की 47 सीटें होंगी.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय दूतावास के एक अधिकारी को तलब कर कहा कि परिसीमन आयोग का मकसद जम्मू कश्मीर की मुस्लिम बहुल आबादी को बेदखल करना और कमजोर बनाना है.
पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, पाकिस्तान स्पष्ट रूप से जम्मू-कश्मीर की इस कथित परिसीमन आयोग की रिपोर्ट को खारिज करता है.
बयान में कहा गया, भारत को यह बताया गया है कि यह पूरी प्रक्रिया हास्यास्पद थी और जम्मू कश्मीर के राजनीतिक दलों ने इसे पहले ही खारिज कर दिया था क्योंकि इसके जरिये भारत पांच अगस्त 2019 की अपनी गैरकानूनी गतिविधि को वैध ठहराना चाहता था.
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि भारत के विदेश मामलों के एक अधिकारी के समक्ष इस बात पर जोर दिया गया कि भारत सरकार की मंशा इसी से स्पष्ट है कि कथित परिसीमन की आड़ में दोबारा निर्धारित इन क्षेत्रों से मुस्लिमों के प्रतिनिधित्व को कम कर दिया गया.
भारतीय राजनयिक को यह भी बताया गया कि जम्मू कश्मीर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के एजेंडे में लंबे समय से चला आ रहा विवाद है.
बयान में कहा गया, भारत ने अवैध, एकपक्षीय और शरारती प्रयासों के जरिये हिंदुओं को चुनाव में असमान रूप से अधिक प्रतिनिधित्व दिया है जो मुस्लिमों के लिए हानिकारक है. यह लोकतंत्र, नैतिकता के सभी नियमों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रस्तावना और अंतर्राष्ट्रीय कानून के तहत भारत के दायित्वों का मजाक है.
बयान में कहा गया कि भारत सरकार को जम्मू कश्मीर में अवैध रूप से किसी भी तरह के डेमोग्राफिक बदलावों से बचना चाहिए.
भारत ने पांच अगस्त 2019 को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा खत्म कर दिया था जिसे लेकर पाकिस्तान ने कड़ी आपत्ति जताई थी. इससे दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंध भी बिगड़ गए थे और पाकिस्तान ने इस्लामाबाद स्थित भारतीय हाई कमिश्नर को निष्कासित कर दिया था.
इस मामले को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी काफी हंगामा हुआ था. भारत ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से कहा था कि देश की संसद ने 2019 में जम्मू कश्मीर से आर्टिकल 370 हटा दिया था जो उसका आंतरिक मामला है.
भारत ने पाकिस्तान से भी कहा था कि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग था, है और रहेगा. पाकिस्तान को वास्तविकता को स्वीकार करने और भारत विरोधी प्रोपेगैंडा को रोकने की सलाह दी थी.
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