जम्मू और कश्मीर

फारुक अब्दुल्ला ने कहा- जम्मू कश्मीर में सभी वर्गाें के लोग जब तक आपस में एकजुट नहीं होंगे, कुछ हासिल नहीं होगा

Renuka Sahu
16 Jun 2022 6:51 AM GMT
Farooq Abdullah said – nothing will be achieved in Jammu and Kashmir unless people of all sections are united among themselves
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फाइल फोटो 

नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला ने लोगों से एकजुट हो जम्मू कश्मीर की समक्ष चुनौतियों का मुकाबला करने की अपील की।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला ने लोगों से एकजुट हो जम्मू कश्मीर की समक्ष चुनौतियों का मुकाबला करने की अपील की। उन्होंने जम्मू कश्मीर में पांच अगस्त 2019 से पूर्व की संवैधानिक बहाली के लिए नेकां के संघर्ष को जारी रखने की संकल्पबद्धता को भी दोहराया।

श्रीनगर के डाउन टाउन इलाकेे में नेशनल कांफ्रेंस के कार्यकर्ताओं की एक बैठक को संबोधित करते हुए डा फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक जम्मू कश्मीर में सभी वर्गाें के लोग आपस में एकजुट नहीं होंगे, कुछ हासिल नहीं होगा। हमें खुद को हिंदू-मुस्लिम, शिया-सुन्नी, बरेली-देवबंदी, कश्मीरी-डोगरा के दायरे से बाहर निकलकर देखना चाहिए। हमें दूसरों को अपने बराबर मानना होगा और मिलकर आगे बढ़ना होगा, तभी हम जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे, अपनी पहचान को वापस प्राप्त कर पाएंगे, अन्यथा नहीं।
उन्होंने कहा समाज में गरीबी, बेरोजगारी और पिछड़ेपन के नाम पर जो समस्याएं पैदा हुई हैं, उन्हें हल करने का मूलमंत्र विविधिता में एकता की भावना ही है। हमारी आपसी समझ, एक दूसरे के प्रति सहयेाग और सद्भाव की भावना ही हमें इस काले दौर से बाहर ले जाएगी। जब तक हम आपस में जात और मजहब के नाम पर बंटे रहेंगे, हम अपने छीने गए लोकतांत्रिक व सामाजिक और संवैधानिक अधिकारों से भी वंचित रहेंगे।
नेकां प्रमुख ने देश में विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा की जा रही उन्मादी बयानबाजी की निंदा करते हुए कहा कि एक दूसरे के मजहब के खिलाफ उन्मादी बयानबाजी ने अपनी सारी हदें पार कर ली हैं। इसे रोका जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग हमें विकास और खुशहाली का यकीन दिलाते थे,आज आने वादों को पूरा करने में नाकाम रहे हैं। अपनी नाकामी छिपाने के लिए ही वह अब देश में सांप्रदायिक उन्माद पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री पर साधते हुए कहा कि दिल की दूरी और दिल्ली की दूरी को दूर करने वाला वादा आज कहां है। जम्मू कश्मीर में लोग आज हताश और निराश हैं। केंद्र सरकार को अपनी कश्मीर विरोधी नीतियों को छोड़ जम्मू कश्मीर की जनता को आहत भावनाओं पर मल्हम लगाने का काम करना चाहिए।
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