जम्मू और कश्मीर

'हिंदुओं को इस तरह न मारें...' 'अगले का करें इंतजार...

HARRY
5 Jun 2023 5:40 PM GMT
हिंदुओं को इस तरह न मारें... अगले का करें इंतजार...
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कश्मीर में टारगेट किलिंग पर आतंकी संगठनों में मतभेद?

जम्मू | सर्कस में काम करने वाले दीपक कुमार की अनंतनाम में हत्या कर दी गई थी। इस हत्या ने कश्मीर में हिंदुओं को निशाना बनाने को लेकर आतंकवादी समूहों के बीच खाई को उजागर कर दिया है। जैश-ए-मुहम्मद (JeM) की शाखा कश्मीर फ्रीडम फाइटर्स (KFF) ने 26 वर्षीय दीपक को मारने का दावा किया। वहीं पीपुल्स एंटी-फासिस्ट फ्रंट (PAFF) ने आतंकी संगठनों से अपील की है कि वे निर्दोष लोगों को निशाना न बनाएं और 'हिंदुत्व लिंच मॉब' की तरह न बनें। पीएएफएफ एक आतंकी संगठन माना जाता है जो जैश-ए-मोहम्मद या लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से संबद्ध है।

जम्मू के उधमपुर जिले के रहने वाले दीपक कुमार उर्फ दीपक की 29 मई को अज्ञात आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस हत्या के बाद एक बार फिर घाटी में हिंदुओं की हत्या का मामला उठा है।

दीपक की हत्या के तुरंत बाद, केएफएफ ने एक चिलिंग पोस्ट में जिम्मेदारी ली और हिंदुओं को कश्मीर से दूर रहने की चेतावनी दी। इससे पहले, संगठन ने फरवरी में पुलवामा में एक बैंक सुरक्षा गार्ड और पिछले अक्टूबर में शोपियां में एक कश्मीरी पंडित सहित हिंदुओं की हत्याओं को स्वीकार किया था।

केएफएफ के प्रवक्ता वसीम पीर ने अपने पोस्ट में कहा, 'जैसा कि पहले ही चेतावनी दी जा चुकी है, हम आजीविका के बहाने कश्मीर आने वाले किसी भी गैर-स्थानीय हिंदू या पंडित को नहीं बख्शेंगे। कश्मीर में आने वाला हर गैर-स्थानीय निवासी है।'

आतंकी संगठन ने कहा, 'कश्मीर में रोजी-रोटी के बहाने आने वालों को पता चल जाए कि हम आपके छिपे हुए अजेंडे से वाकिफ हैं और आपको 'सेटलर उपनिवेशवाद' के बीज नहीं बोने देंगे। हम आपको और आपके आकाओं को जड़ से उखाड़ने के लिए संकल्पित हैं... अगले का इंतजार करें।'

इसके विपरीत, 30 मई को PAFF के स्वयंभू प्रवक्ता तनवीर अहमद राठेर ने एक के बाद एक कई पोस्ट कीं। उन्होंने लिखा, 'हम दीपू की मौत से बहुत दुखी हैं, जो जम्मू-कश्मीर का नागरिक था। वह कोई बाहरी नहीं था। जम्मू-कश्मीर के किसी भी नागरिक को, चाहे उसकी आस्था, रंग या जाति कुछ भी हो, उसकी विध्वंसक गतिविधि के ठोस सबूत पेश किए बिना नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए।' पोस्ट में आगे लिखा है, 'सभी संगठनों से हमारा अनुरोध है कि हम 'हिंदुत्व लिंच मॉब' की तरह नहीं बन सकते। हम गरीब लोगों को नहीं मार सकते...'

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