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खारदुंगला दर्रा को क्वाड बाइक पर पार करके दिव्यांग डॉ. अरविंदर ने रिकॉर्ड बनाया
उदयपुर: कड़ाके की ठंड और दुर्गम पहाड़ियों वाली जगह लेह लद्दाख के खतरनाक खारदुंगला दर्रा को क्वाड बाइक पर पार कर दिया। यह सब भी उस व्यक्ति ने किया जो 80 प्रतिशत दिव्यांगता से ग्रसित है। ऑक्सीजन की कमी के कारण चुनौती पूर्ण माने जाने वाले इस खारदुंगला दर्रा को पार करने की ठानी उदयपुर के डॉ. अरविंदर सिंह ने। उनके मन में तो आया था कि बहुत मुश्किल भरा काम है लेकिन वे कहते है कि जब यह ठान लिया कि करके बताना है फिर क्या आगे बढ़ना शुरू किया और आखिर परचम लहराते हुए दर्रा को फतह कर लिया।
वे कहते है कि इस साहसी और चुनौतीपूर्ण प्रयास को सफल करने वाले वे पहले और एकमात्र शारीरिक रूप से 80 प्रतिशत दिव्यांग व्यक्ति है और वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, लंदन में उन्होंने अपना नाम दर्ज कराया। अरविंदर ने बताया कि ये यात्रा 13 जुलाई को शुरू की जिसमें करीब आने-जाने में सात घंटे का समय लगा। 42 किलोमीटर की दूरी वाला यात्रा मार्ग पांच हजार फीट ऊंचाई पर है। सबसे ऊंचे मोटरेबल शिखर में शामिल इस चुनौतीपूर्ण कार्य के लिए लद्दाख के ले. राज्यपाल डॉ. बी.डी. मिश्रा ने डॉ. सिंह को इस उपलब्धि के लिए विश्व रिकॉर्ड का प्रमाण पत्र प्रदान किया और ट्वीट कर बधाई भी दी। उन्हें लेह, लद्दाख में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक पी.डी. नित्या, चीफ एक्जीक्यूटिव काउंसलर ताशी ग्यालसन, एक्जीक्यूटिव काउंसलर गुलाम मेहदी और मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉ. नूरज़िन अंगमो ने भी बधाई दी।
वे कहते है कि ये उपलब्धियां केवल एक व्यक्तिगत जीत नहीं हैं, बल्कि पूरे दिव्यांग वर्ग के लिए बहुत गर्व और प्रेरणा का क्षण हैं, जो नकारात्मकता की विचारधारा को तोडकर, असीमित संभावनाओं में विश्वास को प्रोत्साहित करते हैं। उन्होंने कहा कि बाधाएं उतनी ही सीमित हैं जितना हम उन्हें होने देते हैं। वे अर्थ ग्रुप, उदयपुर के सीईओ और सीएमडी है। डॉ. सिंह ने इससे पहले भी एकेडमिक एक्सीलेंस का अनूठा विश्व रिकॉर्ड बनाया था। डॉ. सिंह को आश्चर्यजनक 123 डिग्रियां, डिप्लोमा तथा सेटिफिकेट्स हासिल करने का गौरव प्राप्त है। डॉ. सिंह ने मालदीव में सफलतापूर्वक स्कूबा डाइविंग करने वाले दिव्यांग व्यक्ति हैं। उनके पास पैरा वर्ग में पिस्टल शूटिंग में राज्य का स्वर्ण पदक भी है।