जम्मू और कश्मीर

परिसीमन आयोग ने जारी की रिपोर्ट, जम्मू-कश्मीर में अब 90 सीटें होंगी विधानसभा की, लोकसभा की पांचों सीटों का भी पुनर्निर्धारण

Renuka Sahu
6 May 2022 3:44 AM GMT
Delimitation Commission released the report, now there will be 90 seats in J&K of the Legislative Assembly, rescheduling of all the five Lok Sabha seats
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फाइल फोटो 

जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने अपने 26 महीने के रिकॉर्ड कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्रों के निर्धारण का काम पूरा कर उसे अंतिम रूप दे दिया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जम्मू-कश्मीर परिसीमन आयोग ने अपने 26 महीने के रिकॉर्ड कार्यकाल में विधानसभा क्षेत्रों के निर्धारण का काम पूरा कर उसे अंतिम रूप दे दिया है। राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार प्रदेश में सात सीटें बढ़ाई गई हैं। इनमें छह सीटें जम्मू व एक सीट कश्मीर संभाग में बढ़ी है। सात सीटें बढ़ने के साथ ही प्रदेश में विधानसभा की 90 सीटें हो गई हैं। इनमें सात सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित की गई हैं। इसमें पुराने आरक्षण का रोस्टर बदला है। इसके साथ ही पहली बार अनुसूचित जनजाति के लिए नौ सीटें आरक्षित की गई हैं। इनमें कश्मीर संभाग में तीन सीटें हैं।

प्रत्येक लोकसभा में 18 विधानसभा क्षेत्र होंगे
प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों का भी पुनर्निर्धारण किया गया है। प्रत्येक लोकसभा में 18 विधानसभा क्षेत्र होंगे। लोकसभा की सभी सीटें सामान्य होंगी। इनमें आरक्षण का कोई प्रावधान नहीं किया गया है। इस बीच परिसीमन आयोग ने कश्मीरी पंडितों के लिए दो सीटें तथा पीओजेके विस्थापितों के लिए भी कुछ सीटों का प्रावधान करने की केंद्र सरकार से सिफारिश की है। यह सीटें पूर्व में विधानसभा की निर्धारित 90 सीटों के अलावा होंगी।
कश्मीरी विस्थापितों के लिए कम से कम दो सीटों का प्रावधान
परिसीमन आयोग ने सिफारिश की है कि कश्मीरी विस्थापितों के लिए कम से कम दो सीटों का प्रावधान किया जाए। इनमें से एक महिला अवश्य हों। इन्हें पुडुचेरी विधानसभा में मनोनीत होने वाले सदस्यों की तरह ही अधिकार भी दिए जाएं। इसके साथ ही केंद्र सरकार पीओजेके विस्थापितों की नुमाइंदगी पर भी विचार करे। इनकी नुमाइंदगी मनोनयन के आधार पर हो।
पीओजेके विस्थापितों ने भी कुछ सीटें आरक्षित करने का आग्रह
आयोग ने कहा कि जनसुनवाई के दौरान कश्मीरी पंडितों तथा पीओजेके विस्थापितों की ओर से कई प्रत्यावेदन दिए गए। कश्मीरी पंडितों का कहना था कि वे अपने ही देश में तीन दशक से रिफ्यूजी की तरह रहने के लिए बाध्य किए गए हैं। आग्रह किया गया कि राजनीतिक अधिकारों के संरक्षण की खातिर विधानसभा तथा लोकसभा में उनके लिए कुछ सीटें आरक्षित की जाएं। इसी प्रकार पीओजेके विस्थापितों ने भी कुछ सीटें आरक्षित करने का आग्रह किया था।
जसरोटा, छंब, गुलाबगढ़, लाल चौक समेत कई नए नाम
आयोग ने कहा कि परिसीमन प्रस्ताव पर मिले सुझावों के आधार पर कुछ संशोधन भी किया गया है। ज्यादातर सुझाव प्रस्तावित विधानसभा के नाम बदलने को लेकर था। लोगों की भावनाओं का ख्याल करते हुए आयोग ने कई नामों में बदलाव भी किया है। इनमें कश्मीर संभाग में टंगमर्ग को गुलमर्ग, जूनीमार को जदिबल, सोनवार को लाल चौक तथा जम्मू संभाग में पाडर को पाडर-नागसेनी, कठुआ उत्तर को जसरोटा, कठुआ दक्षिण को कठुआ, खौड़ को छंब, माहौर को गुलाबगढ़, दरहाल को बुधल कर दिया गया।
तहसीलों को स्थानांतरित करने के सुझाव भी माने
आयोग ने कहा कि एक विधानसभा से दूसरे विधानसभा में तहसीलों को स्थानांतरित करने संबंधी भी सुझाव मिले थे। कई सुझावों को मानते हुए श्रीगुफवारा तहसील को पहलगाम से बिजबिहाड़ा, क्वारहामा व कुंजर तहसील को गुलमर्ग, दरहाल तहसील को बुधल से हटाकर थन्नामंडी में शामिल कर दिया गया।
एससी सीटें (07)
रामनगर (उधमपुर), रामगढ़ (सांबा), कठुआ और बिश्नाह, सुचेतगढ़, मढ़ व अखनूर (सभी जम्मू)
एसटी सीटें (09)
राजोरी, बुधल व थन्नामंडी (सभी राजोरी), सूरनकोट व मेंढर (सभी पुंछ), गुलाबगढ़ (रियासी), गुरेज (बांदीपोरा), कंगन (गांदरबल), कोकरनाग (अनंतनाग)
विधानसभा की तस्वीर
कुल सीटें: 90
कश्मीर संभाग : 47
जम्मू संभाग: 43
अनुसूचित जाति: 07
अनुसूचित जनजाति : 09
अनंतनाग-राजोरी नाम से नई लोकसभा
जम्मू-कश्मीर की लोकसभा सीटों में भी परिसीमन आयोग ने फेरबदल किया है। अब कश्मीर व जम्मू दोनों संभागों के हिस्से ढाई-ढाई लोकसभा सीटें होंगी। पहले जम्मू संभाग में उधमपुर-डोडा व जम्मू तथा कश्मीर में बारामुला, अनंतनाग व श्रीनगर की सीटें थीं। नई व्यवस्था के तहत अनंतनाग सीट को अब अनंतनाग-राजोरी पुंछ के नाम से जाना जाएगा यानी जम्मू सीट से दो जिले राजोरी व पुंछ निकालकर अनंतनाग में शामिल कर किए गए हैं। उधमपुर सीट से रियासी जिले को निकालकर जम्मू में जोड़ा गया है। इसके साथ ही राजोरी जिले से सुंदरबनी सीट भी जम्मू लोकसभा का हिस्सा होगी। प्रत्येक लोकसभा सीट में 18 विधानसभा सीटें होंगी।
सात सीटें बढ़ीं, इनमें छह जम्मू व एक कश्मीर में
राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अनुसार विधानसभा की सात सीटें बढ़ाई जानी हैं। इससे विधानसभा में सदस्यों की संख्या 83 से बढ़कर 90 हो गई हैं। केंद्र शासित प्रदेश बनने से पहले विधानसभा में सीटों की संख्या 87 थी जिसमें चार सीटें लद्दाख की थीं। लद्दाख के अलग होने से 83 सीटें रह गईं, जो बढ़ने के बाद 90 हो गईं। परिसीमन आयोग ने सात सीटों में एक सीट कश्मीर और छह सीटें जम्मू संभाग में बढ़ाई हैं।
किस जिले में कौन-कौन सीटें
किश्तवाड़ (03) - इंद्रवाल, किश्तवाड़ व पाडर-नागसेनी
डोडा (03)- भद्रवाह, डोडा व डोडा पश्चिम
रामबन (02)- रामबन व बनिहाल
रियासी (03)- गुलाबगढ़ (एसटी), रियासी व श्री माता वैष्णो देवी
उधमपुर (04)- उधमपुर पश्चिम, उधमपुर पूर्व, चिनैनी व रामनगर (एससी)
कठुआ (06)- बनी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ (एससी) व हीरानगर
सांबा (03)- रामगढ़ (एससी), सांबा व विजयपुर
जम्मू (11)- बिश्नाह (एससी), सुचेतगढ़ (एससी), आरएस पुरा-जम्मू दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, नगरोटा, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर, मढ़ (एससी), अखनूर (एससी) व छंब
राजोरी (05)- कालाकोट-सुंदरबनी, नौशेरा, राजोरी (एसटी), बुधल (एसटी) व थन्नामंडी (एसटी)
पुंछ (03)- सूरनकोट (एसटी), पुंछ हवेली व मेंढर (एसटी)
कुपवाड़ा (06)- करनाह, त्रेहगाम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा व लंगेट
बारामुला (07)- सोपोर, राफियाबाद, उड़ी, बारामुला, गुलमर्ग, वागूरा-क्रीरी, पट्टन
बांदीपोरा (03)- सोनावारी, बांदीपोरा व गुरेज (एसटी)
गांदरबल (02)- कंगन (एसटी) व गांदरबल
श्रीनगर (08)- हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, छानपोरा, जदिबल, ईदगाह व सेंट्रल शाल्टेंग
बडगाम (05)- बडगाम, वीरवाह, खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ व चाडूरा
पुलवामा (04)- पांपोर, त्राल, पुलवामा व राजपोरा
शोपियां (02)- जैनापोरा व शोपियां
कुलगाम (03)- डीएच पोरा, कुलगाम व देवसर
अनंतनाग (07)- डोरू, कोकरनाग (एसटी), अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा-बिजबिहाड़ा, शांगस-अनंतनाग पूर्व व पहलगाम
लोकसभा में कौन-कौन सी विधानसभा
जम्मू- रियासी जिला की गुलाबगढ़, रियासी व श्री माता वैष्णो देवी, सांबा जिले की सांबा, विजयपुर व रामगढ़, जम्मू जिले की बिश्नाह, सुचेतगढ़, आरएसपुरा-जम्मू दक्षिण, बाहु, जम्मू पूर्व, नगरोटा, जम्मू पश्चिम, जम्मू उत्तर, मढ़, अखनूर और राजोरी जिले की छंब व कालाकोट-सुंदरबनी।
उधमपुर- किश्तवाड़ जिले के इंद्रवाल, किश्तवाड़ व पाडर-नागसेनी, डोडा जिले की भद्रवाह, डोडा व डोडा पश्चिम, रामबन जिले की रामबन व बनिहाल, उधमपुर जिले की उधमपुर पश्चिम, उधमपुर पूर्व, चिनैनी व रामनगर तथा कठुआ जिले की बनी, बिलावर, बसोहली, जसरोटा, कठुआ व हीरानगर।
अनंतनाग- राजोरी-शोपियां जिले की जैनापोरा, कुलगाम जिले की डीएच पोरा, कुलगाम व देवसर, अनंतनाग जिले की डोरू, कोकरनाग, अनंतनाग पश्चिम, अनंतनाग, श्रीगुफवाड़ा-बिजबिहाड़ा, शांगस-अनंतनाग पूर्व व पहलगाम, राजोरी जिले की नौशेरा, राजोरी, बुधल व थन्नामंडी और पुंछ जिले की सूरनकोट, पुंछ-हवेली व मेंढर
श्रीनगर- गांदरबल जिले की कंगन व गांदरबल, श्रीनगर की हजरतबल, खानयार, हब्बाकदल, लाल चौक, छानपोरा, जदिबल, ईदगाह व सेंट्रल शॉलटेंग, बडगाम जिले की खानसाहिब, चरार-ए-शरीफ व चाडूरा, पुलवामा जिले की पांपोर, त्राल, पुलवामा व राजपोरा तथा शोपियां जिले की शोपियां सीट।
बारामुला- कुपवाड़ा जिले की करनाह, त्रेहगाम, कुपवाड़ा, लोलाब, हंदवाड़ा व लंगेट, बारामुला जिले की सोपोर, राफियाबाद, उड़ी, बारामुला, गुलमर्ग, वागूरा-क्रीरी, पट्टन, बांदीपोरा जिले की सोनावारी, बांदीपोरा व गुरेज तथा बडगाम जिले की बडगाम व बीरवाह सीट।
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