जम्मू और कश्मीर

जेके बैंक 800 करोड़ ऋण घोटाले में पूर्व चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख समेत 18 लोगो पर पर सीबीआई ने दर्ज किया केस

Renuka Sahu
20 March 2022 2:41 AM GMT
जेके बैंक 800 करोड़ ऋण घोटाले में पूर्व चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख समेत 18 लोगो पर पर सीबीआई ने दर्ज किया केस
x

फाइल फोटो 

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 800 करोड़ रुपये का ऋण देने के मामले पर सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख समेत 18 पर मामला दर्ज किया है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। फर्जी दस्तावेजों के आधार पर 800 करोड़ रुपये का ऋण देने के मामले पर सीबीआई ने जम्मू-कश्मीर बैंक के पूर्व चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख समेत 18 पर मामला दर्ज किया है। पहले इस मामले की जांच एंटी करप्शन ब्यूरो ने की थी। आरोप है कि नियमों को ताक पर रखकर और बिना किसी सिक्योरिटी के आरईआई एग्रो को ऋण दिया गया।

सीबीआई ने आरईआई एग्रो के चेयरमैन संजय झुनझुनवाला और एमडी संदीप झुनझुनवाला पर भी मामला दर्ज किया है। एग्रो कंपनी को दिए गए वर्ष 2011 और 2013 के दौरान यह ऋण दिया गया था। इससे बैंक को 800 करोड़ रुपये का चूना लगा। उक्त फर्म को मुंबई की माहिम स्थित जेके बैंक शाखा से 550 करोड़ और नई दिल्ली की वसंत विहार शाखा से 139 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया गया। कंपनी ने बैंक के ऋण स्वीकृति आदेश में निर्धारित नियमों और शर्तों के अनुसार, किसानों को अग्रिम भुगतान करने के लिए बैंक की माहिम और वसंत विहार शाखाओं से संपर्क किया था।
कंपनी ने हेड ऑफिस कोलकाता और कॉर्पोरेट ऑफिस नई दिल्ली व मुंबई में शाखा कार्यालय दर्शाकर मुंबई की माहिम ब्रांच से 550 करोड़ का ऋण लिया था, जबकि कंपनी का मुंबई में कोई कार्यालय नहीं था। जेएंडके बैंक की वसंत विहार शाखा से भी विभिन्न मदों में 139 करोड़ की राशि स्वीकृत करवा लिया गया। कंपनी की ओर से राशि को किसानों के बीच धान पैदावार के लिए वितरित किया जाना था। फिर किसानों द्वारा कंपनी को धान उपलब्ध कराने और धान की बिक्री से होने वाली आय को बैंक लोन की किस्त के तौर पर जमा करना था।
एसीबी ने पाया कि बैंक अथॉरिटी को इस पूरे क्रम की जानकारी थी कि कंपनी को इन परिस्थितियों में लोन नहीं दिया जा सकता था। बावजूद इसके तत्कालीन चेयरमैन मुश्ताक अहमद शेख के समय लोन जारी किया गया। जांच में यह भी पाया गया कि बैंक ने नाबार्ड के दिशानिर्देशों का भी उल्लंघन किया। जिसमें जेएलजी (जो किसानों का एक समूह है) के सदस्य एक ही क्षेत्र/गांव से होने चाहिए, लेकिन इस पहलू को जानबूझकर और बैंक के अधिकारियों द्वारा गलत इरादे से नजरअंदाज किया गया।
Next Story