- Home
- /
- राज्य
- /
- जम्मू और कश्मीर
- /
- जम्मू-कश्मीर की...
अमरनाथ यात्रा कड़ी सुरक्षा के बीच सफलापूर्वक चल रही है। इस यात्रा के जरिये जहां दर्शकों को बाबा बर्फानी के भक्तों का लाभ प्राप्त होता है तो वहीं जम्मू-कश्मीर की अर्थव्यवस्था को भी बड़ा लाभ मिलता है। देश के कोने-कोने से अमरनाथ यात्री जिस बड़ी संख्या में दोनों आधार शिविरों में पहुँच रहे हैं उससे स्थानीय स्तर पर तमाम लोगों को रोजगार मिला है। अमरनाथ यात्री बाबा बर्फानी के दर्शन कर लौटने के बाद कश्मीर के पर्यटन स्थलों की भी सैर कर रहे हैं जिससे कश्मीर पर्यटन को अच्छा लाभ हो रहा है। कश्मीर के पर्यटक स्थल इन दिनों अमरनाथ यात्रा से लौटे श्रद्धालुओं से गुलजार नजर आ रहे हैं। पर्यटक कश्मीर की प्राकृतिक खूबसूरती को देखकर खुश हैं तो यहां के दुकानदार इस बात से खुश हैं कि ज्यादा ग्राहक आने से उनकी कमाई बढ़ी है।
हम आपको यह भी बता दें कि कड़ी सुरक्षा के बीच, 3,898 तीर्थयात्रियों का 22वां जत्था सोमवार को अमरनाथ यात्रा के लिए दोनों आधार शिविरों की ओर रवाना हुआ। अमरनाथ यात्रा एक जुलाई को अनंतनाग के पहलगाम और गांदरबल जिले के बालटाल से शुरू होने के बाद से अब तक 3.25 लाख से अधिक तीर्थयात्री 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित गुफा मंदिर में हिमलिंग के दर्शन कर चुके हैं। अधिकारियों ने बताया कि कुल 3,898 तीर्थयात्री केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) की भारी सुरक्षा के बीच 149 वाहनों के काफिले में सुबह यहां भगवती नगर यात्री निवास से रवाना हुए। इस जत्थे में 2,898 पुरुष, 898 महिलाएं, 90 साधु और 12 बच्चे शामिल हैं। अधिकारियों ने कहा कि 50 वाहनों में भगवती नगर शिविर से बालटाल की ओर पहले 1,292 तीर्थयात्रियों का काफिला रवाना हुआ। इसके बाद 99 वाहनों में 2,606 तीर्थयात्रियों का दूसरा काफिला पहलगाम के लिए रवाना हुआ। हम आपको बता दें कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने 29 जून को तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को हरी झंडी दिखाई थी और तब से अब तक 1.2 लाख से अधिक तीर्थयात्री अमरनाथ यात्रा के लिए भगवती नगर शिविर से रवाना हो चुके हैं।