जम्मू और कश्मीर

फिर से शुरू हुई अमरनाथ यात्रा, त्रासदी में लापता श्रद्धालुओं की तलाश जारी

Renuka Sahu
11 July 2022 1:14 AM GMT
Amarnath Yatra resumes, search continues for pilgrims missing in tragedy
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फाइल फोटो 

अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को आए सैलाब में लापता लोगों की तलाश जारी है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को आए सैलाब में लापता लोगों की तलाश जारी है। इस बीच अमरनाथ यात्रा फिर से शुरू हो गई है। जम्मू बेस कैंप से पवित्र गुफा के दर्शनों के लिए नए जत्था रवाना हो गया है। पहलगाम रूट पर नुनवान आधार शिविर से अमरनाथ यात्रियों के जत्थे को पवित्र गुफा के लिए रवाना किया गया है।

अमरनाथ जी श्राइन बोर्ड के अनुसार यात्रा को सोमवार से एक ही रूट पर शुरू किया जा रहा है लेकिन हेलिकॉप्टर सेवा नुनवान और बालटाल दोनों रूट से उपलब्ध रहेगी। वहीं, जम्मू स्थित भगवती नगर आधार शिविर में भी 11 जुलाई तक पंजीकृत यात्रियों को पहुंचने के लिए कहा है। जम्मू की उपायुक्त अवनी लवासा के अनुसार यात्रा शुरू की जा रही है। सभी पंजीकृत यात्रियों को यात्री निवास पहुंचने के लिए कहा गया है।
शुक्रवार की शाम पवित्र गुफा के पास तेज बारिश से आए सैलाब के चलते यात्रा को रोक दिया गया था। गुफा के सामने छह से दस फुट तक मलबा जमा होने से यात्रा मार्ग भी ध्वस्त हो गया था। रविवार शाम को पहलगाम रूट को यात्रा के लिए पूरी तरह से तैयार कर लिया गया। हालांकि बालटाल में यात्रा मार्ग को बहाल करने का काम जारी है।
रविवार को गुफा और सैलाब प्रभावित परिसर में पुजारियों के समूह ने मंत्रोच्चार के साथ पूजा अर्चना की। अमरनाथ यात्रा मार्ग के नोडल अफसर विजय कुमार बिधूड़ी (आईएएस) का कहना है कि बालटाल और पहलगाम दोनों रूट पर आधार शिविरों में 15 हजार श्रद्धालु मौजूद हैं। उधर श्राइन बोर्ड के उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि पहलगाम से सोमवार को यात्रियों का जत्था पवित्र गुफा के लिए रवाना किया जाएगा। इसके लिए पूरे इंतजाम कर लिए गए हैं।
ग्लेशियरों के नीचे नालों में विशेषज्ञ उतारे गए
अमरनाथ गुफा के पास शुक्रवार को आए सैलाब में लापता करीब 40 श्रद्धालुओं का तीसरे दिन भी कोई सुराग नहीं लगा है। इनकी तलाश में अब अत्याधुनिक मशीनों के साथ अतिरिक्त जवान लगाए गए हैं। बड़ी चट्टानों और बर्फ को तोड़कर चप्पा-चप्पा खंगाला जा रहा है।
मलबे से लेकर ग्लेशियरों के नीचे बह रहे नालों में भी लापता लोगों की तलाश की जा रही है। इसके लिए सेना ने विशेषज्ञ टीमों को भी उतार दिया है। हाई अल्टीट्यूड वारफेयर स्कूल गुलमर्ग की टीमें रेको आर-9 रडार समेत अत्याधुनिक उपकरणों से लैस हैं। ये रडार जवानों को कठिन जगहों तक पहुंच बनाने में मदद कर रहे हैं।
उधर, नीलग्राथ से हादसे में मारे गए लोगों के शव गृह क्षेत्र भेजने की तैयारी की जा रही है। शुक्रवार को आए सैलाब में बहे 16 शव मिल चुके हैं, जिनमें से 5 की ही पहचान हुई है। 40 से अधिक अभी भी लापता बताए जा रहे हैं।
तीसरे दिन वायुसेना के हेलिकॉप्टर की 43 उड़ानें
रेस्क्यू ऑपरेशन के तीसरे दिन दोपहर दो बजे मौसम साफ होते ही एयरफोर्स ने उड़ानें शुरू कर दीं। रविवार को दो एमआई-17 और 4 चीतल हेलिकॉप्टर से शाम तक 43 उड़ानों में 34 घायलों को श्रीनगर अस्पताल शिफ्ट किया है। रविवार को 8.5 टन राहत सामग्री भी एयरलिफ्ट की गई। ब्यूरो
छह से 10 फुट ऊंचा मलबा बन रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन में बाधा
स्टेट डिजास्टर रिस्पांस फोर्स (एसडीआरएफ) के एक अधिकारी ने बताया कि मलबा 6 से 10 फुट ऊंचा जमा है। सेना ने अत्याधुनिक उपकरणों व भारी मशीनों को खोज अभियान में लगाया है। रेस्क्यू ऑपरेशन में डॉग स्क्वायड जहां भी संकेत दे रहा है, वहां खोदाई की जा रही है। जैसे-जैसे वक्त बीत रहा है, लापता लोगों को लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं। सैलाब में जिस तरह से मलबा आया है, उसमें फंसने वाले का इतने वक्त तक जीवित रहना किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।
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