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इस कारण इसकी लागत में वृद्धि हुई है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | अपना आशियाना बनाने की चाह रखने वाले लोगों को अब जेब और ढीली करनी पड़ेगी। जिले में ईंटों के दाम बढ़ गए हैं। भट्ठा मालिकों ने 500 रुपये तक प्रति हजार ईंटों के दाम बढ़ा दिए हैं। दाम बढ़ाने के पीछे बेमौसमी बारिश को बड़ी वजह माना जा रहा है। बारिश के कारण तैयार की गई कच्ची ईंटें खराब हो गई हैं। बता दें कि ईंट बनाने का अधिकतम कार्य अक्तूबर से मई तक रहता है।
खासकर अप्रैल से जून तक गर्मी के मौसम में लोग घर बनाने या मरम्मत करने का कार्य करते हैं, क्योंकि ईंट, सरिया, सीमेंट लेकर आने वाला वाहन उनके घर तक पहुंच जाता है। इस बार क्षेत्र में बेमौसमी बरसात के कारण ईंट भट्ठा मालिकों का खासा नुकसान झेलना पड़ा है। मजदूरों की ओर से बनाई गई कच्ची ईंटें बारिश से खराब हो गई हैं।
इन्हें दोबारा बनाना पड़ रहा है। इस कारण इसकी लागत में वृद्धि हुई है। दरअसल, भट्ठा मालिक ईंट तैयार करने के लिए मिट्टी खरीद कर उसका भंडारण कर लेते हैं। मजदूर उससे कच्ची ईंट तैयार करते हैं। जिले के भट्ठा मालिकों पंकज शर्मा, अश्विनी कुमार, रविंद्र कुमार, बलराम बबलू, दिलबाग सिंह, राजेश कुमार, तरसेम लाल आदि का कहना है कि इस बार वर्षा के कारण लाखों ईंटें बरबाद हो गईं। उनके लिए लागत पूरी करना चुनौती बन गया है।
अब गीली हुई ईंटों की दोबारा से बनाना पड़ेगा। इसका असर कीमत पर भी पड़ेगा। ईंट के दाम 6200 रुपये के लगभग प्रति हजार चल रहा है। नुकसान के चलते अब 6700 रुपये प्रति हजार हो गया है। जिला ऊना भट्ठा एसोसिएशन के प्रधान पहलू लाल भारद्वाज ने बताया कि जिले में कुल 43 भट्ठे काम कर रहे हैं। वर्षा के कारण भट्ठा मालि

Rounak Dey
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