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गुलाम नबी आजाद के बाद इस्तीफों की झड़ी जम्मू कश्मीर में बदल देगी सियासी गणित
गुलाम नबी आजाद के कांग्रेस छोड़ने से पूरे जम्मू कश्मीर में सियासी उथल-पुथल है। कांग्रेस ही नहीं, बल्कि अन्य पार्टियों में भी भगदड़ नजर आ रही है। खासतौर पर कश्मीर केंद्रित दल अपने साथियों को जोड़े रखने के लिए परेशान हैं। सोमवार को कांग्रेस के चार और बड़े नेता अपना त्यागपत्र देकर आजाद के साथ हो लिए। अल्ताफ बुखारी की जम्मू कश्मीर अपनी पार्टी के पदाधिकारी व कार्यकर्ता भी अपना घर बदलने लगे हैं। अपनी पार्टी की डोडा जिला इकाई के एक दर्जन नेता और कार्यकर्ता गुलाम नबी आजाद के पाले में चले गए हैं। आजाद भी डोडा जिले के रहने वाले हैं। कांग्रेस से इस्तीफा देने के बाद आजाद चार सितंबर को जम्मू पहुंच रहे हैं। उस दिन आयोजित स्वागत कार्यक्रम में करीब 12 पूर्व विधायक, पूर्व एमएलसी आजाद के नए दल में शामिल होने की घोषणा करेंगे।
इन नेताओं ने छोड़ी कांग्रेस
कठुआ के बनी से कांग्रेस के पूर्व विधायक गुलाम हैदर मलिक और कठुआ से पूर्व एमएलसी सुभाष गुप्ता और डोडा से शाम लाल भगत ने अलग-अलग पार्टी हाईकमान को अपना इस्तीफा भेज दिया है। हैदर मलिक जम्मू कश्मीर विधानसभा के डिप्टी स्पीकर रहे हैं। कांग्रेस के प्रदेश महासचिव महेश्वर सिंह मन्हास ने भी इस्तीफा दे दिया।
ये कांग्रेसी भी हैं कतार में
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारा चंद, पूर्व मंत्री अब्दुल मजीद वानी एवं मनोहर लाल शर्मा और गारू राम और पूर्व विधायक बलवान सिंह दिल्ली में हैं। ये भी कांग्रेस से इस्तीफा देने की कतार में हैं। कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी रजनी पाटिल मंगलवार को जम्मू पहुंच रही हैं। उनके साथ कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद विकार रसूल वानी भी पहली बार जम्मू आ रहे हैं। उनके साथ बैठक में कार्यवाहक प्रधान रमण भल्ला के साथ पार्टी के अन्य कुछ वरिष्ठ नेता भी हिस्सा लेंगे।
आजाद समर्थक चले हुए कारतूस
विकार रसूलकांग्रेस के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष विकार रसूल वानी ने पार्टी छोड़ने वाले आजाद के समर्थकों को चला हुआ कारतूस बताया। उन्होंने दावा किया कि आजाद के इस्तीफे से कांग्रेस को नुकसान नहीं बल्कि पार्टी मजबूत होगी। युवा व ऊर्जावान नेतृत्व सामने आएगा।
आजाद के सक्रिय होने से पीएजीडी में हलचल
गुलाम नबी आजाद और नेशनल कान्फ्रेंस के अकेले विसा चुनाव लड़ने के फैसले से पीपुल्स एलांयस फार गुपकार डिक्लेरेशन (पीएजीडी) में हलचल मची हुई है। बाहरी राज्यों के लोगों को मताधिकार के विरोध के बहाने एकजुटता दिखाने के लिए पीएजीडी अगले माह जम्मू में सर्वदलीय बैठक का आयोजन करने जा रहा है। परिस्थितियां अनुकूल रहीं तो यह बैठक 10 सितंबर को फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में उनके निवास पर होगी। फारूक ही पीएजीडी के अध्यक्ष व संरक्षक हैं।
सूत्रों के अनुसार, पीएजीडी की बैठक को आजाद के दौरे के दौरान एकजुटता दिखाने के लिए अधिक मानी जा रही है। पीएजीडी के संयोजक मोहम्मद यूसुफ तारीगामी ने कहा कि बैठक में भाजपा को नहीं बुलाया जा रहा है। अन्य सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को आमंत्रित किया जा रहा है। बैठक फारूक के भठिंडी स्थित निवास पर ही होगी।