जम्मू और कश्मीर

जम्मू-कश्मीर में में 251 दिन बाद कोरोना संक्रमण के 4651 नए मामले दर्ज, तीन की मौत, सक्रिय मामले 21 हजार के पार

Renuka Sahu
19 Jan 2022 3:49 AM GMT
जम्मू-कश्मीर में में 251 दिन बाद कोरोना संक्रमण के 4651 नए मामले दर्ज, तीन की मौत, सक्रिय मामले 21 हजार के पार
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फाइल फोटो 

एक दिन की राहत के बाद मंगलवार को जम्मू कश्मीर में कोविड मामलों में फिर उछाल आया।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। एक दिन की राहत के बाद मंगलवार को जम्मू कश्मीर में कोविड मामलों में फिर उछाल आया। प्रदेश में 251 दिन के बाद 24 घंटे में 4651 नए संक्रमित मिले, इसमें जम्मू संभाग में 1546 और कश्मीर संभाग में 3105 मामले शामिल हैं। इससे पहले 12 मई 2021 को 4509 मामले मिले थे।

दोनों राजधानियों में कोविड पीक की ओर बढ़ रहा है। जिला जम्मू में पहली बार एक ही दिन में सर्वाधिक 919 संक्रमित मिले और इसमें लगभग स्थानीय स्तर के मामले हैं। जम्मू जिले में सकारात्मकता दर 8 फीसदी के पार पहुंच गई है। श्रीनगर में भी 13 यात्रियों समेत 957 मामले मिले हैं। पिछले चौबीस घंटे में प्रदेश में तीन लोगों की कोविड से मौत हुई है, जिसमें जम्मू संभाग से दो मौते हैं। प्रदेश में सक्रिय मामले बढ़कर 21677 पहुंच गए हैं।
प्रदेश में संक्रमित मामलों में जिला जम्मू सबसे अधिक प्रभावित है। जम्मू में सक्रिय मामले बढ़कर 4862 पहुंच गए हैं, जो प्रदेश में सर्वाधिक हैं। जिले में अब तक 1174 लोगों की कोविड से मौत हो चुकी है। जीएमसी जम्मू में मंगलवार को रामबन निवासी एक 30 वर्षीय युवक की कोविड से मौत हो गई। बताया जाता है कि उसे कोविड के साथ अन्य कई कई शारीरिक समस्याएं थीं।
उधमपुर में 184, राजोरी में 74, डोडा में 49, कठुआ में 94, सांबा में 109, पुंछ में 18, रामबन में 15 और रियासी में 11 यात्रियों समेत 78 संक्रमित मामले मिले हैं। बारामुला में 633, बडगाम में 411, कुपवाड़ा में 209, अनंतनाग में 253, बांदीपोरा में 139, गांदरबल में 171, कुलगाम में 215 संक्रमित मामले मिले हैं। इस बीच 899 संक्रमित मरीज रिकवर भी हुए।
परीक्षण का आंकड़ा पौने एक लाख पहुंचा
जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को चौबीस घंटे में 74772 कोविड परीक्षण (टेस्टिंग) किए गए, जिसमें 30 फीसदी आरटीपीसीआर परीक्षण हैं। तीसरी लहर में कोविड परीक्षण को बढ़ाया गया है। हालांकि उपराज्यपाल ने दैनिक आधार पर दो लाख कोविड परीक्षण के निर्देश दिए हैं, लेकिन बड़ी संख्या में चिकित्सा कर्मियों के संक्रमित होने और पर्याप्त बुनियादी ढांचा न होने के कारण ऐसा नहीं हो पा रहा है।
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