जम्मू और कश्मीर

प्रशासनिक परिषद ने जम्मू-कश्मीर सीमेंट लिमिटेड के विनिवेश के प्रस्ताव को दी मंजूरी

Admin Delhi 1
10 Oct 2022 11:56 AM GMT
प्रशासनिक परिषद ने जम्मू-कश्मीर सीमेंट लिमिटेड के विनिवेश के प्रस्ताव को दी मंजूरी
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जम्मू: जम्मू-कश्मीर सीमेंट लिमिटेड (जेकेसीएल) अब निजी हाथों में सौंपी जाएगी। उप राज्यपाल मनोज सिन्हा की अध्यक्षता वाली बैठक में प्रशासनिक परिषद ने इसके विनिवेश के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। कंपनी पिछले दो दशक से वित्तीय हालात और कार्यशैली को सुधारने में सफल नहीं हो पा रही थी। ऐसे में प्रशासनिक परिषद ने कंपनी के विनिवेश का अहम फैसला लिया है। कंपनी के विनिवेश के दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खनन, खनिज विकास और नियामक अधिनियम 2957 के नियमों का किसी भी मामले में उल्लंघन न हो। कंपनी पिछले दो साल से पूरी तरह से अपना वजूद खो चुकी है। ऐसे में कंपनी की बहाली के लिए वित्तीय मदद के अलावा अन्य प्रयास विफल रहे। कंपनी चूना पत्थर खनन पट्टों के बावजूद अपनी क्षमता का पूरी तरह से दोहन करने और बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा बनाए रखने में सक्षम नहीं थी। प्रवक्ता ने कहा कि पैमाने की अर्थव्यवस्थाओं का आनंद लेने के बावजूद, कंपनी पिछले दो दशकों से अधिक समय के दौरान अपेक्षित वृद्धि दिखाने और नकदी प्रवाह और परिचालन मार्जिन उत्पन्न करने में विफल रही। उन्होंने कहा कि अग्रिम भुगतान के खिलाफ सरकार की ओर से सुनिश्चित मांग के बावजूद कंपनी लंबी अवधि में मामूली रूप से भी नहीं बढ़ी है और 2012-13 के बाद से इसके उत्पादन और दरअसल, साल 2012 से ही कंपनी घाटे में चल रही थी।

जेके सीमेंट लिमिटेड एक तरफ घाटे में थी तो दूसरी तरफ कर्मचारियों के वेतन, लंबित वेतन व अन्य देनदारियां का बोझ भी बढ़ता चला गया। इससे सरकार ने 19 अक्तूबर, 2021 को जेके सीमेंट लिमिटेड को बेचने और ख्रीयू प्लांट से सटी 240 कनाल जमीन को पट्टे पर इस्तेमाल करने की सैद्धांतिक मंजूरी दे दी थी। इसकी बोली लगाने के लिए न्यूनतम 250 करोड़ की नेटवर्थ की शर्त रखी गई है। इसके अलावा जेकेसीएल की सभी संपत्तियां जहां-जहां हैं के आधार पर, अनुमोदन और लाइसेंस (खनन लाइसेंस सहित) के साथ शेयर खरीद बिक्री के हिस्से के रूप में स्थानांतरित की जाएंगी।

कंपनी के सभी कर्मचारियों को सरकार अपने अधिकार में लेगी: जम्मू-कश्मीर सीमेंट लिमिटेड के सभी कर्मचारियों को प्रदेश सरकार अपने अधिकार में लेगी। कंपनी को खरीदने वाला अपने स्तर पर स्टाफ की जरूरतों व प्लांट को कार्यशील करने के लिए जिम्मेदार होगा। बोली प्रक्रिया शुरू होने से पहले सभी तरह की बोली से पूर्व की जरूरतें, जिसमें कारपोरेशन के हक में लीज का नवीनीकरण, बिजली की उपलब्धता, लेखा और ऑडिट को अंतिम रूप दिया जाएगा। बैठक में उप राज्यपाल के सलाहकार राजीव राय भटनागर, मुख्य सचिव डॉ. अरुण कुमार मेहता भी मौजूद रहे।

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