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रजिस्ट्रेशन के लिए आए फार्मेसी डिप्लोमा में 85 फर्जी मिले
जम्मू-कश्मीर में फार्मेसी इन डिप्लोमा और बैचलर इन फार्मेसी में बड़ा फर्जीवाड़ा पाया गया है। जम्मू-कश्मीर फार्मेसी काउंसिल (जेकेपीसी) के पास फार्मेसी अधिनियम 1948 के तहत ऑनलाइन पोर्टल में फार्मासिस्ट पंजीकरण के लिए आए आवेदनों के दस्तावेजों के सत्यापन में 85 प्रमाणपत्र फर्जी पाए गए हैं। इनमें 70 मामले सिर्फ कश्मीर के विभिन्न हिस्सों से हैं।
काउंसिल ने इन सभी आवेदनों को रद्द कर दिया है। इसके अलावा कई अन्य मामले भी देश के विभिन्न संस्थानों और विश्वविद्यालय के पास सत्यापन के लिए भेजे गए हैं। रद्द किए गए मामलों के लिए जम्मू-कश्मीर फार्मेसी काउंसिल जेएंडके जम्मू की एक्स ऑफिशियो - प्रधान लोतिका खजूरिया की ओर से एक आदेश जारी किया गया है।
प्रदेश के प्रत्येक फार्मासिस्ट को जम्मू-कश्मीर फार्मेसी काउंसिल के अधीन पंजीकरण करवाना अनिवार्य है। इसके बाद ही उन्हें पंजीकृत का लाभ दिया जाता है। इसके लिए बाहरी राज्यों से फार्मेसी इन डिप्लोमा और बैचलर इन डिप्लोमा करने वाले उम्मीदवारों के लिए निर्धारित सेक्शन के तहत उनके प्रमाणपत्रों को संबंधित संस्थानों और विश्वविद्यालयों के पास भेजा जाता है। जम्मू-कश्मीर फार्मेसी काउंसिल ने ऐसे 85 अयोग्य मामलों को अपनी वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है। ये सभी मामले फर्जी पाए गए हैं।
दो साल में सामने आए मामले
बताया जाता है कि पिछले दो साल की प्रक्रिया में ऐसे मामले पकड़े गए हैं। इसमें कश्मीर संभाग से चंदोरा पंपोर पुलवामा, बडगाम, कुपवाड़ा, कुलगाम, बांदीपोरा, शोपियां, बारामुला, अनंतनाग, बडगाम, वारपोरा कालमबाद, पलमार, बटपोरा, हजरतबल श्रीनगर, गांदरबल और जम्मू संभाग से रियासी, बिलावर (कठुआ), किश्तवाड़, डोडा, बुद्धल (राजोरी), मेंढर (पुंछ), जम्मू से फर्जी प्रमाणपत्रों के आधार पर आवेदन किए गए हैं।
सभी फर्जी प्रमाणपत्र रद्द
काउंसिल के एक उच्चाधिकारी ने बताया कि फर्जी पाए गए प्रमाणपत्रों वाले सभी आवेदनों को रद्द कर दिया गया है और सभी संबंधित एजेंसियों को इन्हें योग्यता न देने को कहा गया है।