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उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में मानसून आने के बाद से भारी वर्षा और बादल फटने का दौर लगातार जारी है। शनिवार को भी हिमाचल के शिमला जिले में बादल फटने से तीन लोगों की मौत हो गई। जबकि दो लोग बह गए।
इसी तरह उत्तराखंड में चार जगह बादल फटने के कारण भारी नुकसान हुआ है। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर में भी शनिवार को तेज वर्षा और बादल फटने के कारण भूस्खलन होने से जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। खेतों में भी पानी भरने से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
मौसम विभाग ने येलो अलर्ट किया जारी
मौसम विभाग ने रविवार को हिमाचल में भारी वर्षा का येलो अलर्ट तो उत्तराखंड में भी वर्षा का अलर्ट जारी किया है। हिमाचल प्रदेश में हो रही भारी वर्षा से दिल्ली में यमुना नदी का जलस्तर फिर से बढ़ने की आशंका जताई जाने लगी है। 13 जुलाई के बाद शनिवार, 22 जुलाई की सुबह नौ बजे सर्वाधिक 1,47,857 क्यूसेक पानी छोड़ा गया, जो दोपहर तक बढ़कर प्रति घंटे दो लाख क्यूसेक को पार कर गया। अगले दो दिन में इसके दिल्ली पहुंचने की संभावना है।
उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी वर्षा का पूर्वानुमान
मौसम विभाग का 25 जुलाई तक उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी वर्षा होने का पूर्वानुमान है। इससे राजधानी में एक बार फिर से बाढ़ की स्थिति पैदा होने की आशंका जताई जा रही है। बता दें कि नौ जुलाई को 3.59 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बाद ही दिल्ली में बाढ़ के हालात बन गए थे।
हिमाचल में भारी वर्षा ने फिर बढ़ाई दिक्कतें
हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के रोहड़ू में शनिवार तड़के बादल फटने से दादा-दादी व पोता बह गए। दादा का शव बरामद कर लिया है, जबकि दादी और पोते की तलाश जारी है। यहां कई घरों में मलबा घुस गया व कुछ वाहन भी बह गए हैं। शिमला में ही बाग डुमैहर पंचायत में एक मकान पर मलबा आने से नेपाली मूल के दो लोगों की मौत हो गई।
हिमाचल के कई क्षेत्रों में शुक्रवार रात से वर्षा शनिवार सायं तक जारी रही। इससे कहीं घरों में पानी और मलबा घुस गया तो कहीं वाहन मलबे में दब गईं। प्रदेश में लगभग 610 सड़कें बंद हैं। वहीं, शनिवार को कांगड़ा और कुल्लू के हवाई अड्डों पर भी कोई विमान नहीं आया।
उत्तरकाशी और पिथौरागढ़ में भी भारी नुकसान
उत्तराखंड में उत्तरकाशी जिले में पुरोला, बड़कोट, धौंतरी और पिथौरागढ़ के बंगापानी में बादल फटने से भारी तबाही मची। उत्तरकाशी में चार पुलिया बहने के साथ 40 से अधिक सड़क और पैदल रास्तों को नुकसान पहुंचा है। इसके साथ ही रिसार्ट, दुकान और 30 से अधिक घरों में मलबा घुसने के साथ 12 से अधिक वाहन भी मलबे में दब गए हैं। यमुनोत्री जाने वाले 700 तीर्थयात्री रास्ते में फंसे हैं। बदरीनाथ मार्ग भी अवरुद्ध रहा है। प्रदेश में तीन हाईवे, सात राज्यमार्ग और 190 संपर्क मार्ग समेत 200 से अधिक सड़कें बाधित हैं, जिससे लगभग 400 गांवों का संपर्क कटा है।
जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तेज वर्षा व बादल फटे
जम्मू-कश्मीर के कई हिस्सों में शनिवार को हल्की से तेज वर्षा के अलावा बादल भी फटे। रामबन जिले में भूस्खलन के कारण जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग बंद हो गया है। श्रीनगर के कुछ क्षेत्रों में तेज वर्षा के अलावा फकीर गुजरी में बादल फटने से फसलों को भारी नुकसान हुआ है। डोडा जिले में कोटा नाले में बादल फटने से थलीला-चिराला लिंक रोड का एक हिस्सा बह गया। इस क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। लद्दाख के लेह में बादल फटने से सड़कें क्षतिग्रस्त हो गईं हैं।