पालमपुर। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की 120 हेक्टेयर भूमि पर्यटन गांव के लिए प्रस्तावित होने के मुद्दे पर विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों ने प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ला और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर इस संबंध में जल्द कदम उठाने का आग्रह किया है। सदस्यों ने कहा कि …
पालमपुर। प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय की 120 हेक्टेयर भूमि पर्यटन गांव के लिए प्रस्तावित होने के मुद्दे पर विश्वविद्यालय के प्रबंधन बोर्ड के सदस्यों ने प्रदेश के राज्यपाल और विश्वविद्यालय के कुलाधिपति शिव प्रताप शुक्ला और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू को पत्र लिखकर इस संबंध में जल्द कदम उठाने का आग्रह किया है। सदस्यों ने कहा कि विश्वविद्यालय ने विक्रम बत्रा कालेज, विज्ञान संग्रहालय और हाल ही में घोषित हेलिपोर्ट की स्थापना के लिए 100 हेक्टेयर से अधिक भूमि पहले ही छोड़ दी है। अब विश्वविद्यालय के पास जमीन केवल मौजूदा चार कालेजों, कालेज ऑफ एग्रीकल्चर, कालेज ऑफ वैटरिनरी एंड एनिमल सांइसेज, कालेज ऑफ कम्युनिटि साइंसेज और कालेज ऑफ बेसिक साइंसेज को चलाने के लिए है।
बोर्ड के सदस्यों के अनुसार राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के कार्यान्वयन के साथ स्नातक, स्नातकोत्तर और डॉक्टरेट छात्रों की संख्या साल दर साल बढ़ रही है और मौजूदा प्रयोगात्मक क्षेत्र विभिन्न वैज्ञानिक फील्ड एक्सपेरिमेंट्स के लिए कम पड़ रहा है। छात्रों की बढ़ती आवश्यकता, एक्सपेरिमेंट्स और विश्वविद्यालय की डेयरी फार्मिंग को बनाए रखने के लिए प्रस्तावित क्षेत्र का विकास किया जा रहा है। कालेज ऑफ वैटरिनरी एंड एनिमल सांइसेज की मान्यता के लिए न्यूनतम आवश्यकता के अनुसार सुअर पालन और बकरी फार्म शुरू करने के लिए शीघ्र ही नया बुनियादी ढांचा जोड़ा जाना है। छात्रावास आवास की कमी के कारण कई स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों, विशेषकर लड़कियों को विश्वविद्यालय से बाहर रहने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अत: छात्रों के लिए छात्रावास के निर्माण हेतु अधिक क्षेत्र की आवश्यकता है। इसके अलावा नई शिक्षा नीति के तहत विभिन्न कालेजों में नए कालेज और नए कार्यक्रम शुरू किए जाने हैं।