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जनजाति समुदाय के अधिकारों में सेंधमारी

Teja
5 April 2023 7:30 AM GMT
जनजाति समुदाय के अधिकारों में सेंधमारी
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जनजाति : पिछले कुछ समय से जनजाति बहुल राज्यों में जनजातीय समुदाय डीलिस्टिंग को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहा है। पिछले दिनों भोपाल के दशहरा मैदान में मध्य प्रदेश के 40 जिलों से आए जनजातीय बंधुओं ने एक विशाल रैली की। जनजाति सुरक्षा मंच के तत्वावधान में आयोजित यह डीलिस्टिंग गर्जना महारैली दो साल से कई प्रदेशों में चल रहे उस वनवासी आंदोलन का हिस्सा है, जिसमें मतांतरण कर ईसाई और इस्लाम अपना चुके लोगों को अनुसूचित जनजाति कोटे के आरक्षण से अलग करने की मांग उठाई जा रही है। आंदोलनकारियों की मांग है कि मतांतरित लोगों को जनजातीय समुदाय का हिस्सा न माना जाए और उन्हें जनजातीय अनुसूची से डीलिस्ट यानी हटा दिया जाए।

छत्तीसगढ़, झारखंड और मध्य प्रदेश में तमाम रैलियों के बाद जनजातीय संगठन इस आंदोलन को अब देश के 230 जनजाति बहुल जिलों में ले जाना चाहते हैं। इस सिलसिले में दो वर्षों में 20 महारैलियां प्रस्तावित हैं। आंदोलनकारियों का कहना है कि जनजातियों को मिलने वाले आरक्षण का बड़ा हिस्सा ईसाई मत में मतांतरित लोग उठा रहे हैं, जबकि मतांतरित होकर वे धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से उन सभी विशिष्टताओं का परित्याग कर चुके हैं, जो उनके जनजातीय होने की अर्हता पूरी करती हैं।

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