राज्य

वैश्विक आर्थिक ढांचे को आकार देता भारत

Teja
7 April 2023 7:29 AM GMT
वैश्विक आर्थिक ढांचे को आकार देता भारत
x

अपनीबात : एक ऐसे दौर में जब वैश्विक आर्थिक ढांचा तमाम चुनौतियों से जूझ रहा है और हाल-फिलहाल किसी बड़ी राहत के आसार नहीं दिखते, तब भारतीय अर्थव्यवस्था ने अपेक्षाकृत बढ़िया प्रदर्शन कर उम्मीद जगाई है। भारत तमाम बड़ी अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभावों से कहीं बेहतर तरीके से निपटने में सफल रहा। तमाम भू-राजनीतिक एवं भू-आर्थिक समस्याओं के बावजूद उसकी आर्थिक वृद्धि में तेजी कायम है। इसी कारण अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने विश्व अर्थव्यवस्था में भारत को ‘चमकता बिंदु’ बताया।

2023 की वैश्विक वृद्धि में 15 प्रतिशत योगदान अकेले भारत का रहा है। प्रभावी डिजिटलीकरण के साथ-साथ अनुशासित राजकोषीय नीति और पूंजीगत निवेश के लिए पर्याप्त संसाधनों जैसे पहलुओं के दम पर भारत न केवल महामारी के चंगुल से अपनी अर्थव्यवस्था को बाहर निकालने में सफल रहा, बल्कि वैश्विक आर्थिक सुस्ती के दौर में भी अपनी वृद्धि को चुस्त बनाए हुए है। इसी बीच मोदी सरकार ने नई विदेश व्यापार नीति (एफटीपी) पेश की है। इस नीति का उद्देश्य 2030 तक देश के निर्यात को बढ़ाकर दो ट्रिलियन (लाख करोड़) डालर करना है।

अतीत की नीतियों में जहां एक तय अवधि हुआ करती थी, उसके उलट इसमें ऐसा नहीं है। यानी इसमें समय पर आवश्यकतानुसार संशोधन की गुंजाइश है। इसने उस व्यापार नीति की जगह ली है, जिसकी अवधि 2020 में समाप्त हो गई थी, लेकिन कोविड महामारी के चलते नई नीति में विलंब हो गया। जहां विश्व अर्थव्यवस्था मंदी को लेकर संघर्षरत है, वहीं नई व्यापार नीति के माध्यम से भारत ने वैश्विक आर्थिक ढांचे में अहम किरदार के रूप में उभरने की नई प्रतिबद्धता एवं आकांक्षा का संकेत दिया है।

Next Story