भ्रष्टाचार मामले में गिरफ्तार पंजाब के आईएएस अधिकारी संजय पोपली के इकलौते बेटे कार्तिक पोपली (26) की शनिवार को चंडीगढ़ स्थित उनके आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। कार्तिक के सिर में गोली लगी है। कार्तिक को 7.62 एमएम की गोली लगी है। पुलिस को सूचना मिली थी कि कार्तिक ने गोली मारकर आत्महत्या की है।वहीं कार्तिक की मां श्री ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को विजिलेंस टॉर्चर करती थी। विजिलेंस के मुलाजिमों ने ही बेटे को गोली मारी है। श्री ने कहा कि ये लोग हमारे साथ ऐसे कर सकते हैं तो आम जनता के साथ क्या कर सकते हैं। वहीं पुलिस ने उनके सभी आरोपों का खंडन किया है। पुलिस ने कहा कि पोपली के बेटे ने लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मारी है। पिस्टल सील कर दिया गया है।
बेटे को 12 घंटे थाने में बिठाकर टॉर्चर करने का आरोप
संजय पोपली की पत्नी श्री ने कहा कि आज संजय पोपली की पेशी थी। पेशी के बाद विजिलेंस संजय पोपली को साथ लेकर आई थी। विजिलेंस की टीम ने उनके बेटे के ऊपर पिस्टल तान रखी थी। उन्हें भी धक्का मारा। 12 घंटे तक थाने में बिठाकर टॉर्चर करने का आरोप भी लगाया। उन्होंने डीएसपी वरिंदर गोयल पर टॉर्चर करने का आरोप लगाया। विजिलेस ने 80 साल के बुजुर्ग को घर के बाहर निकाल दिया। उनका कहना है कि डीएसपी अजय कहते थे झूठा बयान दो। नहीं तो बुरा हाल कर देंगे। उनके बेटे को पीटा भी गया। परिजनों ने कहा कि उनके घर में कोई हाथियार नहीं था।
लॉ का स्टूडेंट था कार्तिक
कार्तिक लॉ का स्टूडेंट था। कार्तिक फिलहाल आईएएस की तैयारी कर रहा था। सूचना मिलते ही एसएसपी कुलदीप चहल सहित कई पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे।2008 बैच के सीनियर आईएएस संजय पोपली को ठेकेदार से रिश्वत मांगने के मामले में कुछ दिन पहले पंजाब विजलेंस ने उनके सेक्टर 11 चंडीगढ़ स्थित घर से गिरफ्तार किया था। करनाल निवासी एक ठेकेदार ने पोपली के खिलाफ एंटी करप्शन हेल्पलाइन पर शिकायत दी थी। उनका आरोप था कि अधिकारी बिलों को क्लियर करने की एवज में एक फीसदी रिश्वत मांग रहे थे। उन्होंने बताया कि कांग्रेस सरकार के समय नवांशहर में सात करोड़ रुपये की सीवरेज परियोजना शुरू की गई थी।
इसमें वह एक प्रतिशत कमीशन की मांग कर रहे थे। ठेकेदार ने 12 जनवरी को आईएएस अधिकारी के सचिव के रूप में तैनात अधीक्षक स्तर के अधिकारी संजीव वत्स के माध्यम से 3.5 लाख रुपये का भुगतान किया। विजिलेंस ने दावा किया कि पोपली ठेकेदार से शेष 3.5 लाख रुपये की मांग कर रहे थे। शिकायतकर्ता ने फोन कॉल रिकॉर्ड किया और भ्रष्टाचार रोधी हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई। पोपली ने पहले जल आपूर्ति और सीवरेज बोर्ड का नेतृत्व किया था।