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तीन तलाक देने का मामला
राजधानी दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा में मामूली सी बात पर पत्नी को तीन तलाक देने का मामला सामने आया है. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी शमशेर उस्मानपुर दनकौर का रहने वाला है. उस्मान की पत्नी ने ही दनकौर थाने में मुकदमा दर्ज कराया कि मामूली से झगड़े के बाद उसके पति ने तीन तलाक कहकर उसे घर से निकाल दिया. शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है.
हाल ही में भारत में तीन तलाक को लेकर नया कानून बनाया है. यह कानून 30 जुलाई 2019 को बनाया गया जिसमें प्रावधान रखे गए कि कोई भी व्यक्ति मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक देकर डिवोर्स नहीं ले सकता बल्कि उसको अदालत के जरिए तलाक के नियमों का पालन करना होगा और अगर कोई ट्रिपल तलाक यानी तीन तलाक को अपनाता है तो वह एक आपराधिक मामला माना जाएगा.
नोएडा पुलिस ने इसी के तहत मामला दर्ज किया है. दरअसल इस्लाम में शरीयत कानून के मुताबिक ट्रिपल तलाक का मामला करीब 14 सौ साल पुराना है जिसके मुताबिक पति अपनी पत्नी को तीन बार तलाक बोलता है तो उसका पत्नी से विवाह विच्छेद हो जाता है. ट्रिपल तलाक जैसी प्रथा को रोकने के लिए और महिला उत्पीड़न को बंद करने के लिए भारत सरकार ने एक कानून बनाया है. कुछ लोगों ने इसका विरोध जरूर किया है, लेकिन ज्यादातर मुस्लिम महिलाओं ने इसका स्वागत किया है.
अब कहने को तीन तलाक के खिलाफ कानून तो बन गया है, लेकिन अभी भी इसके मामले आते रहते हैं. हाल ही में समाजवादी पार्टी (सपा) के चर्चित विधायक इरफान सोलंकी के भाई फरहान सोलंकी पर तीन तलाक देने का केस दर्ज किया गया था. फरहान पर उनकी पत्नी अंबरीन सोलंकी ने एफआईआर दर्ज कराई थी और कहा कि उसने (फरहान) दूसरी औरत के चक्कर में मुझे तीन तलाक दे दिया और दहेज के लिए पांच लाख कैश मांग रहा था.
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