दिल्ली पुलिस की एक स्पेशल टीम ने लोगों को कथित तौर पर हनी ट्रैप में फंसाने और उनसे रंगदारी वसूलने के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के मुताबिक उनकी महिला साथी लोगों को किराए के फ्लैट में बुलाती थी और बाकी के दूसरे सदस्य उनसे पैसे निकालने के लिए पुलिस होने का नाटक करते थे। गिरफ्तार तीनों लोगों की पहचान पवन, मंजीत और दीपक के रूप में हुई है।
हनी ट्रैप गिरोह का हुआ भंडाफोड़
गाजियाबाद के अनिल कुमार गर्ग की ओर से की गई शिकायत के आधार पर 1 मई को पश्चिम विहार थाने में मामला दर्ज किया गया था। उसने कहा कि दिल्ली में सक्रिय एक गिरोह ने उसे हनी ट्रैप में फंसाया और उससे डेढ़ लाख रुपये की रंगदारी की। अनिल कुमार गर्ग के मुताबिक जबरन वसूली में शामिल लोगों ने पुलिस अधिकारी होने का नाटक किया। इसके बाद मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की गई। टीम ने मुखबिरों को तैनात किया और घटना के पीछे अपराधियों की पहचान करना शुरू कर दिया।
इसके बाद पुलिस ने उस फ्लैट पर छापा मारा जहां घटना हुई थी, लेकिन कोई आरोपी नहीं मिला। बाद में उन्होंने फ्लैट के मालिक से पूछताछ की तो उसने एक संदिग्ध पवन की डिटेल दी, जिसके नाम पर किराए को लेकर समझौता किया गया था। पुलिस ने शिकायतकर्ता को पवन की फोटो दिखाई, जिसने तुरंत उसकी पहचान कर ली और कहा कि वह उन लोगों में शामिल है, जिन्होंने पुलिस अधिकारी होने का दावा किया था। साथ ही कहा कि पवन के साथ दो दूसरे लोग भी थे।
मास्टरमाइंड समेत 3 आरोपी गिरफ्तार
फ्लैट के मालिक ने पुलिस को बताया कि पवन पुलिस अधिकारी नहीं है और वह एक निजी कंपनी में काम करता है। उन्होंने कहा कि पवन के फ्लैट में अक्सर दो पुरुष और एक महिला आते थे। बाद में पुलिस को सूचना मिली कि तीन आरोपी अपना सामान लेने फ्लैट पर वापस आएंगे। इसके बाद टीम ने जाल बिछाकर तीनों आरोपियों को एक जून को पकड़ लिया। पुलिस पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि पवन ही इसका मास्टरमाइंड है। उसकी मुलाकात नीरज से हुई थी जो पहले बहादुरगढ़ में हनी ट्रैपिंग के मामलों में शामिल था। पुलिस ने कहा कि पवन सोशल मीडिया पर हनीप्रीत से मिला और फिर उन्होंने एक सिंडिकेट बनाया। पुलिस अब हनीप्रीत के ठिकाने का पता लगाने की कोशिश कर रही है।
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