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बिलासपुर: एम्स बिलासपुर में आउटसोर्स भर्ती के नाम पर गड़बड़झाला चल रहा है। एक ओर जहां एम्स बिलासपुर में एम्स प्रशासन भाजपा के एजेंट के तौर पर कार्य कर रहा है, वहीं, दूसरी ओर स्थानीय प्रतिनिधियों, स्थानीय युवाओं को कोई तरजीह नहीं मिल रही है, जिसके चलते एम्स प्रशासन को अपनी कार्यप्रणाली में सुधार लाना चाहिए, अन्यथा जल्द ही आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा। यह बात बिलासपुर में इंटक प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष भगत सिंह वर्मा ने कही। उन्होंने कहा कि एम्स बिलासपुर में भर्ती के नाम पर युवाओं को ठगा जा रहा है। वहीं एम्स प्रशासन भाजपा के एजेंट के तौर पर कार्य कर रहे हैं। करीब छह माह पूर्व निजी कंपनी की ओर से 159 विभिन्न श्रेणियों के आउटसोर्स पदों को लेकर आवेदन मांगे।
करीब 8000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। अभी एम्स प्रशासन की ओर से यह परिणाम नहीं निकाला गया है। वहीं तृतीय श्रेणी के पदों को लेकर 50 नंबर का पर्सनल इंटरव्यू रखा गया है, जबकि केंद्र सरकार की ओर से इन श्रेणियों के लिए साक्षात्कार बंद किए गए हैं। एम्स प्रशासन की ओर से इस तरह से नियमों की अवहेलना की जा रही है।