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शिमला: हिमाचल प्रदेश में मानसून सक्रिय है। प्रदेश में आगामी एक सप्ताह तक बारिश का दौर जारी रहने वाला है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पॉल ने बताया कि प्रदेश में नौ अगस्त तक भारी बारिश की संभावना है। लाहुल-स्पीति और किन्नौर जिला को छोडक़र बाकी सभी जिलों के लिए यलो अलर्ट जारी कर दिया गया है। भारी बारिश की संभावनों को देखते हुए लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, ताकि किसी प्रकार का जानी नुकसान न हो।
हिमाचल प्रदेश में मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं का आंकड़ा 200 को पार कर गया है। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मानसून के कारण हुई दुर्घटनाओं में अब तक 201 लोगों की मौत हो चुकी है। इनमें से 58 लोगों की मौत केंद्र सरकार की ओर से नोटिफाइड आपदाओं में हुई है। 143 लोगों की मौत राज्य सरकार की ओर से नोटिफाइड आपदाओं में हुई है। केंद्र सरकार की ओर से नोटिफाइड आपदाओं में भू-स्खलन व फ्लैश फ्लड की दुर्घटनाएं हैं, जबकि राज्य सरकार की ओर से नोटिफाइड आपदाओं में सडक़ हादसे, डूबने की घटनाएं, सर्पदंश, पहाड़ी से गिरना, बाढ़ व भू-स्खलन जैसी दुर्घटनाएं शामिल हैं। रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में अभी भी 32 लोग अभी तक लापता हैं।
मानसून के दौरान हुई अलग-अलग दुर्घटनाओं में ये लोग लापता हुए हैं। सबसे ज्यादा लोग बाढ़ की घटनों में लापता हुए हैं। भारी बारिश के कारण प्रदेश भर में कुल 869 घर पूरी तरह से ढह गए हैं। वहीं 7496 घरों को आंशिक रूप से क्षति पहुंची है। 260 दुकानों को नुकसान पहुंचा है। 2409 गोशालाओं को नुकसान पहुंचा है। अब तक भूस्खलन की 80 घटनाएं पेश आई हैं। वहीं 53 घटनाएं बाढ़ की हुई हैं। इन घटनाओं में लोगों को भारी नुकसान पहुंचा है। प्रदेश भर में 7829 पेयजल परियोजनाएं अब भी बंद हैं। इसके अलावा एक एनएच समेत 278 सडक़ेें प्रदेश भर में अभी भी बंद हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में मानसून के दौरान अब तक कुल 6675 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। सबसे ज्यादा नुकसान लोक निर्माण को हुआ है। दूसरे स्थान पर जल शक्ति विभाग है। इसके अलावा बाकी सभी विभागों को भी करोड़ो रुपए का नुकसान हुआ है।