हिमाचल प्रदेश

शनिवार को यैलो अलर्ट, रविवार से मौसम साफ रहने के आसार

Shantanu Roy
3 Jun 2023 9:10 AM GMT
शनिवार को यैलो अलर्ट, रविवार से मौसम साफ रहने के आसार
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शिमला। प्रदेश में मौसम शनिवार को भी राहत नहीं देगा और मौसम विभाग की ओर से यैलो अलर्ट जारी किया गया है। हालांकि रविवार से मौसम के साफ रहने के आसार हैं। शुक्रवार शाम को राजधानी शिमला सहित कई हिस्सों में बारिश हुई। जून माह का आगाज होने के बावजूद भी इस बार लोगों के गर्म वस्त्र ही नहीं छूट रहे हैं जबकि उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में बर्फबारी व मध्य व निचले इलाकों में बारिश का दौर चला हुआ है। शुक्रवार को राज्य के धौलाकुआं में अधिकतम तापमान 32.2 डिग्री जबकि केलांग में न्यूनतम तापमान 3.7 डिग्री दर्ज किया गया है। शिमला सहित अन्य जगहों पर बादलों ने डेरा डाले रखा और कई स्थानों पर हल्की वर्षा भी हुई। शिमला में 0.3, सुंदरनगर में 0.7, कल्पा में 0.2, कांगड़ा में 0.7, सेऊबाग में 0.5 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार मई माह में सोलन में 157.3 और कांगड़ा में 189.8 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई है। शिमला व भुंतर में पिछले 30 वर्षों में सबसे अधिक वर्षा दर्ज की गई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरिंद्र पाल ने कहा कि 4 व 5 जून को मैदानी व निचले इलाकों में मौसम शुष्क रहेगा जबकि मध्य व उच्च पर्वतीय क्षेत्रोंं एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा हो सकती है।
=हिमपात व सड़क की हालत खराब होने के चलते शुक्रवार को शिंकुला दर्रा वाहनों के लिए बंद रहा। दारचा के रेवा ढाबा संचालक रीता बौद्ध और अविनाश ने बताया कि हालांकि बीच में जांस्कर घाटी के फोर व्हील ड्राइव वाहन दर्रे के आर-पार हुए, लेकिन जांस्कर जाने वाले 12 मजदूर व टिप्पर 26 मई से दारचा में फंसे हुए हैं। सड़क की हालत सुधरती है तो शनिवार को शिंकुला में ट्रैफिक सुचारू हो जाएगा। दूसरी ओर मनाली-लेह मार्ग पर फिलहाल वाहनों की आवाजाही सुचारू रही। बीआरओ चीफ इंजीनियर जितेंद्र प्रसाद ने कहा कि शिंकुला दर्रे में सड़क की मुरम्मत की जा रही है। किसान और बागवानों के हक में उतरे भाजपा प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डाॅ. राजीव बिंदल ने सरकार से वर्षा व ओलावृष्टि से हुए नुक्सान की भरपाई करने की मांग उठाई है। उन्होंने जारी बयान में कहा कि दिसम्बर, जनवरी और फरवरी के महीने में जो अपेक्षित बर्फबारी और बारिश होनी चाहिए थी, वह नहीं हुई। किसान और बागवान का भारी मात्रा में इससे नुक्सान हुआ।
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