- Home
- /
- राज्य
- /
- हिमाचल प्रदेश
- /
- लांगणा में स्थापित है...
हिमाचल प्रदेश
लांगणा में स्थापित है बर्षों पुरानी पंचमुखी महादेव की मूर्ति
Shantanu Roy
6 Jun 2023 10:13 AM GMT

x
जोगिंद्रनगर। गांव लांगणा में भगवान शिव की पंचमुखी मूर्ति स्थापित है, जिस कारण इसे पंचमुखी महादेव के नाम से भी जाना जाता है। कई वर्षों तक यह मूर्ति खुले आसमान के नीचे ही रही और बाद में एक छोटे से मंदिर का निर्माण कर इसे मंदिर के भीतर स्थापित किया गया। हर वर्ष यहां श्रावण मास में बिल्व पत्र से महादेव की पूजा की जाती है तथा प्रतिवर्ष 5 से 15 अगस्त तक शिव महापुराण कथा का भी आयोजन किया जाता है। क्षेत्र के बुजुर्गों का यह भी कहना है कि भगवान शिव की इस पंचमुखी मूॢत का इतिहास ब्रिटिश शासन के समय से जुड़ा हुआ है। पंचमुखी महादेव के भव्य मंदिर निर्माण के लिए समिति द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। जनश्रुति के अनुसार पंचायत धार के पाबो गांव का एक पंडित ब्यास नदी पार कर अपने घर पाबो जा रहा था और उसे पता चला कि भगवान शिव की मूर्ति नदी में बहकर यहां आई है। इस मूर्ति को ले जाने के लिए नदी के दूसरे छोर के लोग पहुंचे हुए थे, लेकिन वे इसे ले जाने में असफल हो रहे थे। इस बीच पंडित ने शीशम पेड़ की जड़ में भगवान शिव की इस मूर्ति को देखा। जब उन्होंने मूॢत को प्रणाम कर स्पर्श किया तो मूर्ति डगमगाने लगी।
पंडित ने मूर्ति को बड़ी आसानी से सिर पर उठा लिया तथा गांव धार पाबो की ओर चल पड़े। चलते-चलते जब पंडित वर्तमान मंदिर के समीप एक स्थान पर पहुंचे, जहां कभी मंडी राजा का कठियार हुआ करता था। इस स्थान पर पीपल के नीचे अटियाला बना हुआ था। पंडित मूर्ति को रखकर आराम करने लगा और जब बाद में दोबारा मूर्ति को उठाने का प्रयास किया तो मूर्ति जरा भी नहीं हिल पाई। कहते हैं कि उस समय से लेकर वर्ष 1970 तक यह मूर्ति इसी तरह कठियार वर्तमान में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला लांगणा के समीप खुले आसमान के नीचे ही रही। स्थानीय लोगों के अनुसार लांगणा स्कूल के समीप ही एक निजी मकान में पशु औषधालय हुआ करता था, जिसमें पुन्नू राम नामक कर्मचारी कार्यरत था। एक रात पुन्नू राम को सपने में भगवान शिव की मूॢत ने बताया कि आप नि:संतान हो, समीप के तालाब (शूल) के पास एक छोटा-सा मंदिर बनवा कर मेरी स्थापना करवाना, संतान के रूप में पुत्र रत्न की प्राप्ति होगी। सुबह पुन्नू राम ने यह बात स्कूल में अध्यापकों को बताई। स्वप्न अनुसार यथा योग्य चंदा इक_ा कर एक छोटे से मंदिर का निर्माण किया गया, जिसके बाद पुन्नू राम के घर एक पुत्र का जन्म हुआ। मंदिर में समय-समय पर कई साधु महात्माओं ने भी निवास किया। यहां पर बाबा चरण गिरि की समाधि भी स्थापित की गई है। वर्तमान में बाबा बसंत गिरि यहां रहते हैं।
Tagsदिन की बड़ी ख़बरजनता से रिश्ता खबरदेशभर की बड़ी खबरताज़ा समाचारआज की बड़ी खबरआज की महत्वपूर्ण खबरहिंदी खबरजनता से रिश्ताबड़ी खबरदेश-दुनिया की खबरराज्यवार खबरहिंदी समाचारआज का समाचारबड़ा समाचारनया समाचारदैनिक समाचारब्रेकिंग न्यूजBig news of the dayrelationship with the publicbig news across the countrylatest newstoday's big newstoday's important newsHindi newsbig newscountry-world newsstate-wise newsToday's NewsBig NewsNew NewsDaily NewsBreaking News

Shantanu Roy
Next Story