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हिमाचल प्रदेश
यहां मिला दुनिया को सबसे महंगी कॉफ़ी देने वाला वन्य प्राणी
Gulabi Jagat
3 Dec 2022 5:34 PM GMT
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नाहन, 03 दिसंबर : हिमाचल प्रदेश के नाहन शहर के समीप नौणी के बाग में एक दुर्लभ वन्य प्राणी (Wild Animal) के पहुंच जाने से खलबली मच गई। हालांकि वन्य प्राणी की क्यूटनेस (Cuteness) से हर कोई उस पर मोहित हो रहा था, लेकिन कोई भी नजदीक जाने की हिम्मत नहीं कर रहा था। क्योंकि कोई नहीं जानता था कि वह कौन सा वन्य प्राणी हैं। गौरतलब है कि नौणी का बाग के नजदीक जंगल भी मौजूद है।
घटना शुक्रवार सुबह करीब 5 बजे की है। शनिवार शाम महज एक सेकंड का वीडियो एमबीएम न्यूज नेटवर्क को मिला। इसके बाद यह वीडियो वन्य प्राणी विशेषज्ञ राकेश्वर कपूर को चंबा भेजा गया। वन्य प्राणी विशेषज्ञ कपूर ने इस बात की पुष्टि की कि ये वन्य प्राणी एशियाई ताड़ कस्तूरी बिलाव (Asian palm civet) है। दीगर है कि कपूर ने ही प्रदेश में सबसे पहले किंग कोबरा के मौजूद होने की पुष्टि की थी,वो सांपो पर रिसर्च कर रहे है।
वन्य प्राणी एशियाई ताड़ कस्तूरी बिलाव
जल शक्ति विभाग में कार्यरत सुरेश सैनी का परिवार भयभीत था। इस कारण वीडियो भी नहीं बना पाया। परिवार की अर्चना सैनी ने एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में कहा कि तुरंत ही इसकी जानकारी वन विभाग के अलावा पुलिस को दी गई। मौके पर पहुंची वन विभाग की टीम ने इसको रेस्क्यू कर लिया था। रेस्क्यू से पहले वन्य प्राणी को बेहोश करने की प्रक्रिया अमल में लाई गई।
अर्चना सैनी ने बताया कि भीड़ एकत्रित होने पर वह दांत दिखाकर डराने की कोशिश भी कर रहा था। घर के स्टोर से उसे रेस्क्यू कर लिया गया। अन्य जानकारी के मुताबिक यह वन्य प्राणी जहरीला होने की वजह से नुकसान भी पहुंचा सकता है।
ये है जुडी रोचक बाते…
एशियाई ताड़ कस्तूरी बिलाव (Asian palm civet) भारत, नेपाल, बांग्लादेश, भूटान और दक्षिण पूर्वी में मिलती है। ये कस्तूरी बिलावो की ही एक जीव वैज्ञानिक प्रजाति है। कॉफी का उत्पादन जंगली रेड कॉफी बीन्स (Red Coffee Beans) से होता है, जो एशियन पाम सिवेट के मल में पाई जाती है।
दरअसल, एशियन पाम सिवेट पेड़ पर रहने वाला जानवर होता है। इसी दौरान वो बेरी का सेवन करता है, लेकिन बेरी के बीजों को पचा नहीं पाता है और मल के जरिये पेट से बाहर निकाल देता है। बींस को सुखाकर 'कोपी लुवाक' कॉफी का उत्पादन किया जाता है, जो बहुत दुर्लभ होती है। लिहाजा कॉफी की कीमत ज्यादा होती है। रोचक ये है कि जिस कॉफी को राजसी घरानों में परोसा जाता है, वो एशियन पाम सिवेट के मल से तैयार होती है।
जानकारों का कहना है कि निशाचर प्रवृत्ति (Nocturnal Tendency) के इस स्तनपायी वन्य प्राणी को दिन के समय देख पाना बेहद मुश्किल होता है। एकांतप्रिय वन्य प्राणी किसी की आहट सुनते ही जमीन की ओट में अपने आवास में दुबक जाता है। रात के अंधेरे में शिकार के लिए यह मांसाहारी वन्य प्राणी बाहर निकलता है। बड़ी शिकारी बिल्ली की तरह दिखने वाले एशियन पाम सिवेट छोटे जीवों जैसे छिपकली, सांप, मेंढक व कीड़ों का शिकार भी करता है। काले बाल व बड़ी आंखों वाले इस वन्य प्राणी की उम्र 15 से 20 साल तक होती है। ताड़ के पेड़ों की कटाई से एशियन पाम सिवेट की संख्या दुनिया भर में तेजी से कम हुई है। इस वन्यप्राणी को ताड़ के फल काफी पसंद हैं।
Gulabi Jagat
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