हिमाचल प्रदेश

नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के दूसरे चरण का काम जोरों पर, बरसात के बाद उद्योगपतियों को बंटेंगे प्लाट

Gulabi Jagat
7 May 2023 4:36 PM GMT
नालागढ़ में मेडिकल डिवाइस पार्क के दूसरे चरण का काम जोरों पर, बरसात के बाद उद्योगपतियों को बंटेंगे प्लाट
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शिमला: हिमाचल प्रदेश के महत्त्वाकांक्षी मेडिकल डिवाइस पार्क का दूसरा चरण शुरू हो गया है। नालागढ़ में बॉर्डर पर बन रहे इस पार्क में पहले चरण में कटिंग का काम हुआ था। अब लेवलिंग और फिलिंग का काम दूसरे चरण में होगा और बरसात के बाद राज्य सरकार उद्योगपतियों को प्लॉट आबंंटन भी शुरू कर देगी। हिमाचल को केंद्र सरकार से दो महत्त्वपूर्ण पार्क मिले हैं। इसमें एक ऊना जिला के हरोली में स्थापित होने वाला बल्क ड्रग पार्क है और दूसरा नालागढ़ में स्थापित होने वाला मेडिकल डिवाइस पार्क। मेडिकल डिवाइस पार्क में बनने वाले स्वास्थ्य उपकरणों से हिमाचल के अलावा पड़ोसी राज्यों को भी लाभ होगा। हिमाचल की इस क्षेत्र में अन्य राज्यों पर निर्भरता खत्म होगी। इस पार्क के लिए भारत सरकार से 100 करोड़ की ग्रांट मिलनी है, जबकि पार्क की स्थापना पर 350 करोड़ खर्च होंगे। राज्य सरकार ने इसके लिए नालागढ़ में 265 एकड़ भूमि चयनित कर ट्रांसफर की थी। हिमाचल प्रदेश स्टेट इंडस्ट्रियल डिवेलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड इसके लिए इंप्लीमेंटिंग एजेंसी घोषित हुई है। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि मेडिकल डिवाइस पार्क के काम को गति दी गई है। अब इसका दूसरा चरण भी शुरू हो गया है। इस पार्क में सरकार ने 5000 करोड़ निवेश का लक्ष्य रखा है, जिससे 10000 लोगों को रोजगार भी मिलेगा। हाल ही में हुई हाई पावर कमेटी की बैठक में दूसरे चरण के टेंडर को खोलने की परमिशन दे दी गई है।
ये सब बनेगा पार्क में
3डी डिजाइन, रैपिड प्रोटोटाइपिंग, टूलिंग लैब, मेडिकल रोबोटिक लैब, सेंसर टेस्टिंग एंड इंटीग्रेशन फैसिलिटी, डिजाइन फैसिलिटी लैब, बायो मैटेरियल टेस्टिंग लैब, गामा इरेडिएशन लैब, सॉफ्टवेयर एंड डाटा एनालिटिक्स जोन के अलावा इंटरनेट ऑफ मेडिकल टेक्नोलॉजी लैब के साथ सेंटर ऑफ एक्सीलेंस इनक्यूबेशन सेंटर इत्यादि स्थापित होंगे।
ड्राफ्ट लैंड पॉलिसी फाइनल
उद्योग मंत्री ने बताया कि इस पार्क के लिए ड्राफ्ट लैंड पॉलिसी फाइनल हो गई है और पेड़ कटान से संबंधित अनुमतियां भी चली गई हैं। पार्क में पानी उपलब्ध करवाने के लिए पांच बोरवेल बनने हैं, जिसकी मंजूरी दे दी गई है। पार्क की स्थापना के लिए प्रदेश मेडिकल डिवाइस पार्क इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड नाम से नई कंपनी बनाई है। हर्षवर्धन सिंह चौहान ने बताया कि इस पार्क के लिए भी उद्योग विभाग को स्ट्रेटेजिक पार्टनर चाहिए।
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