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शिमला में पम्प हाउस पर बड़ी चट्टानें और मलबा गिरने से गहराएगा जल संकट
शिमला लेटेस्ट न्यूज़: राजधानी में बरसात के मौसम में पानी का संकट खड़ा हो सकता है। राजधानी में हो रही व्यापक वर्षा से चाबा पेयजल परियोजना का पम्प हाउस भूस्खलन की चपेट में आ गया है। शनिवार को पम्प हाउस पर बड़ी चट्टानें और मलबा गिरा। इस वजह से पम्प हाउस में बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। हादसे में एक व्यक्ति आंशिक रूप से घायल हुआ है। शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएन) के अधिकारियों के मुताबिक पम्प हाउस में हुए भूस्खलन से लगभग पांच करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अहम बात यह है कि पम्प हाउस से पानी लिफ्ट नहीं हो पाएगा। इससे शहर व आसपास के क्षेत्रों में पानी की किल्लत खड़ी हो सकती है।
बता दें कि चाबा परियोजना से शिमला शहर के लिए हर रोज 12 एमएलडी तक पानी की सप्लाई होती है। इसके अलावा शहर से सटे इलाकों में भी सप्लाई जाती है। ऐसे में परियोजनाओं में पंपिंग में खराबी के चलते पानी लिफ्ट न होने से शहर में पानी की किल्लत से लोगों को जूझना पड़ सकता है। शिमला में शनिवार सुबह से तेज़ वर्षा का दौर जारी है, जिससे आम जनजीवन प्रभावित हुआ है। राज्य में हो रही भारी बारिश से बड़े पैमाने पर ट्रांसफार्मरों के ठप पड़ने से बिजली किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही भूस्खलन से कई सड़कें भी बाधित हो गई हैं। राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की रिपोर्ट के मुताबिक शनिवार सुबह तक प्रदेश भर में 417 ट्रांसफार्मर बंद रहे। अकेले शिमला जिला के चौपाल उपमंडल में 340 ट्रांसफार्मर बंद हैं। सिरमौर जिला के पांवटा साहिब में 42 और लाहौल-स्पीति के स्पीति में 35 ट्रांसफार्मर ठप हैं।
इसके अलावा भूस्खलन से एक नेशनल हाइवे सहित 27 सड़कें अवरुद्ध हुई हैं। कांगड़ा जिला में 11, कुल्लू में छह, शिमला में चार, चम्बा में तीन और बिलासपुर, किन्नौर व सोलन में एक-एक सड़क बाधित है। मौसम विभाग ने आगामी 27 सितम्बर तक प्रदेश भर में मौसम के खराब रहने की संभावना जताई है। वहीं अगले 24 घण्टों में कुछ स्थानों पर अंधड़ व गर्जना के साथ तेज़ बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है।