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झाकड़ी परियोजना से छोड़ा जा सकता है पानी, पौंग बांध का जलस्तर
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न्यूज़क्रेडिट: अमरउजाला
पौंग बांध में समाहित होने वाली नदियों में भी हर दिन भारी मात्रा में पानी आ रहा है। ऐसे में पौंग बांध के जलस्तर में रोजाना भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है।
हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। पौंग बांध में समाहित होने वाली नदियों में भी हर दिन भारी मात्रा में पानी आ रहा है। ऐसे में पौंग बांध के जलस्तर में रोजाना भारी बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। सोमवार सुबह पौंग बांध का जलस्तर 13.79.02 फीट दर्ज किया गया। यह खतरे के निशान 1,390 फीट से मात्र दस फीट कम रह गया है। पौंग बांध में पानी का इनफ्लो सोमवार को 50,592 क्यूसिक दर्ज किया गया। आउटफ्लो 17,737 क्यूसिक रहा। ज्ञात रहे कि महाराणा प्रताप पौंग बांध झील में पानी भराव की कुल क्षमता 1,410 निर्धारित की गई है। जिला प्रशासन लगातार लोगों को पौंग बांध के किनारे न जाने के लिए सचेत कर रहा है। पौंग बांध का जलस्तर खतरे के निशान पर पहुंचते ही कभी भी बांध का पानी छोड़ा जा सकता है। ऐसे में जिलाधीश कांगड़ा डॉ. निपुण जिंदल इस बारे में पल-पल की जानकारी ले रहे हैं।
नाथपा झाकड़ी परियोजना से छोड़ा जा सकता है 1200 क्यूमेक्स पानी
नाथपा झाकड़ी परियोजना प्रबंधन और प्रशासन ने लोगों को सतलुज नदी के किनारे न जाने की सलाह दी है। डैम की के कारण मंगलवार को 1,200 क्यूमेक्स पानी छोड़ा जा सकता है। हालांकि, परियोजना प्रबंधन लाउडस्पीकर के माध्यम से भी लोगों को सचेत कर रहा है। हूटर से भी समय-समय पर चेतावनी दी जा रही है। सतलुज नदी पर बने सबसे बड़े नाथपा झाकड़ी परियोजना और कड़छम परियोजना के डैम को साफ किया जा रहा है। उधर, एसडीएम सुरेंद्र मोहन ने कहा कि नाथपा झाकड़ी परियोजना से 23 अगस्त को डैम से पानी छोड़ा जाएगा। ऐसे में सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ सकता है।