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शिमला में नेरवा में दुकानों से गायब होने लगीं सब्जियां
शिमला न्यूज़: नेरवा में सब्जी की दुकानों से अधिकांश पारंपरिक सब्जियां गायब होने लगी हैं, जिसके चलते हमेशा गुलजार रहने वाली सब्जी की दुकानें खाली नजर आ रही हैं। बताया जा रहा है कि पिछले दिनों हुई भारी बारिश के कारण ज्यादातर सब्जियां खेतों में ही सड़ गयी हैं. जहां शिमला मिर्च, सेम, मटर, फूलगोभी और पत्तागोभी आदि की आपूर्ति नेरवा में स्थानीय किसानों द्वारा की जा रही थी, वहीं अन्य सब्जियां उत्तराखंड के विकासनगर और देहरादून की मंडियों से नेरवा पहुंच रही थीं। नेरवा के सब्जी विक्रेता शकील और फौजी ने बताया कि पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के चकराता, छुटमलपुर, ऋषिकेश और बिहारीगढ़ आदि में अधिकांश सब्जियां खेतों में सड़ गई हैं, जिसके कारण विकासनगर की सब्जी मंडी खाली पड़ी है। इन दिनों नेरवा में स्थानीय किसानों द्वारा तैयार शिमला मिर्च, टमाटर, खीरा और पत्तागोभी के अलावा लौकी और भिंडी ही विकासनगर की सब्जी मंडी से नेरवा पहुंच रही है, जबकि नेरवा क्षेत्र में सेम और मटर और फूलगोभी की फसलें खेतों में ही सड़ कर नष्ट हो रही हैं . सब खत्म हो गया
रविवार को विकासनगर से नेरवा पहुंची भिंडी का थोक भाव 72 रुपये प्रति किलो था, जो नेरवा में 80 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. दूसरी ओर, बारिश के बाद पत्तागोभी की कीमत में उछाल है, जो 30 रुपये प्रति किलो बिक रही है, जबकि बैंगन, फूलगोभी, सेम, मटर और करेला जैसी सब्जियां दुकानों से लगभग गायब हो गई हैं. हालांकि, टमाटर की कीमतों में स्थिरता से लोगों में थोड़ी राहत जरूर है. एक तरफ जहां प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से टमाटर के दाम 250 रुपये प्रति किलो तक पहुंचने की खबरें आ रही हैं, वहीं नेरवा में पिछले एक सप्ताह से इसके दाम 100 रुपये प्रति किलो पर स्थिर हैं. बारिश के बाद प्याज और पहाड़ी आलू की कीमतों में भी 10 रुपये प्रति किलो की बढ़ोतरी हुई है. वहीं, सड़क टूटने से एनएच 707 बंद होने से सब्जी विक्रेताओं की मुश्किलें बढ़ गयी हैं. अब नेरवा के सब्जी विक्रेता उबड़-खाबड़ और संकरी सड़क का जोखिम उठाकर टौंस नदी के उस पार से अटाल से सब्जियां ले रहे हैं. एक तो यह मार्ग वाहनों के आवागमन के लिए उपयुक्त नहीं है, दूसरे इस मार्ग से प्रति पन्नी या क्रेट का भाड़ा दस से बीस रुपये से अधिक है। विकासनगर से एनएच 707 होते हुए आने वाली सब्जी की पन्नी या टोकरा जहां पहले चालीस रुपये में नेरवा पहुंचता था, अब वही पन्नी या टोकरा साठ रुपये में नेरवा पहुंच रहा है, जिससे सब्जियों के दामों में हल्का उछाल आना तय है .