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कोरोना वायरस को खत्म करने वाली वैक्सीन बाजार में उतारी, आपात इस्तेमाल को मिली मंजूरी

Gulabi Jagat
4 July 2022 11:12 AM GMT
कोरोना वायरस को खत्म करने वाली वैक्सीन बाजार में उतारी, आपात इस्तेमाल को मिली मंजूरी
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वैक्सीन बाजार में उतारी
मेजर स्टेज में भी कोरोना को खत्म करने वाली सबसे अधिक प्रभावशाली स्वदेशी वैक्सीन को कंपनी ने आपात इस्तेमाल के लिए बाजार में उतार दिया है। मैसेंजर राइबोज न्यूक्लिक एसिड (एमआरएनए) वैक्सीन स्पाइक प्रोटीन के जरिये कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाती है। भारत में अब तक ऐसी वैक्सीन नहीं थी। पुणे स्थित जेनोवा बायो फार्मास्युटिकल कंपनी ने यहवैक्सीन तैयार की है। कंपनी ने 23 लाख डोज तैयार कर दी हैं, जिन्हें सेंटल ड्रग्स लैबोरेटरी (सीडीएल) कसौली ने ग्रीन टिक दे दिया है। इसके बाद ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) ने भी कंपनी की ओर से दिए गए क्लीनिकल ट्रायल के डाटा पर विस्तार चर्चा के बाद एमआरएनए वैक्सीन को आपात इसतेमाल की मंजूरी दे दी है।
एमआरएनए वैक्सीन 18 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को लगाई जाएगी। खास बात यह है कि वैक्सीन 2 से 8 डिग्री सेल्सियस पर स्थिर रहती है। इसकी एक वायल में पांच डोज है, जो इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन के जरिये शरीर में लगाई जाएंगी। पहली डोज के 28 दिन के अंतराल के बाद दूसरी डोज लगेगी। इससे शरीर में कोरोना से लड़ने की क्षमता पैदा होगी। दावा किया जा रहा है कि यह वैक्सीन खतरनाक कोरोना से भी लोगों को बचाने में सक्षम है। इससे भारत में कोरोना के मामलों में कमी आएगी। सीडीएल कसौली की वेबसाइट पर डोज जारी होने की पुष्टि हुई है। संवाद
दूसरी वैक्सीन की तुलना में ज्यादा लाभदायक
एमआरएनए कोरोना वैक्सीन अन्य वैक्सीन की तुलना में अलग लाभ प्रदान करती है, क्योंकि एमआरएनए टीके एक सक्रिय रोगजनक से निर्मित नहीं होते हैं। ये गैर संक्रामक होते हैं। एमआरएनए टीके का एक अन्य जैविक लाभ यह है कि यह एंटीजन कोशिका के अंदर उत्पन्न होते हैं, जिससे प्रतिरक्षा क्षमता अधिक हो जाती है।
क्या है एमआरएनए
मैसेंजर आरएनए टेक्नोलॉजी है। इस तरह का आरएनए डीएनए का सीक्वेंस होता है। यह प्रोटीन बनाने के लिए ब्लूप्रिंट है। एमआरएनए वैक्सीन में एमआरएनए स्पाइक प्रोटीन की सीक्वेंस इनफॉर्मेशन ले जाता है। एमआरएनए लिपिड फॉर्म्यूलेशन सेे कवर होता है। इसी को शरीर में इंजेक्ट किया जाता है। शरीर की कोशिकाओं में यह स्पाइक प्रोटीन बनाता है। स्पाइक प्रोटीन कोरोना से लड़ने के लिए एंटीबॉडी बनाता है।
इन टीकों को मिल चुकी मंजूरी
भारत में अब तक कोविशील्ड, कोवैक्सीन, स्पुतनिक-वी, मोडर्ना, जॉनसन एंड जॉनसन, जायकॉव डी, कोर्बेवैक्स, कोवोवैक्स, स्पुतनिक लाइट समेत अन्य कोरोना वैक्सीन को डीसीजीआई मंजूरी दे चुकी है।
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