हिमाचल प्रदेश

लोकतंत्र प्रहरी योजना बंद करने पर सदन में हंगामा व नोक-झोंक

Shantanu Roy
30 March 2023 11:59 AM GMT
लोकतंत्र प्रहरी योजना बंद करने पर सदन में हंगामा व नोक-झोंक
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शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा में प्रश्नकाल के बाद नेता प्रतिपक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार की तरफ से लोकतंत्र प्रहरी योजना को बंद करने का मामला उठाया। उन्होंने कहा कि वर्ष 1975 में तत्कालीन प्रधानमंत्री स्वर्गीय इंदिरा गांधी ने देश में आपातकाल की घोषणा की तो उस समय लोकतंत्र की रक्षा के लिए बहुत से नेताओं एवं लोगों को जेल में डाला गया। इसमें से कई लोग मीसा के तहत 19 माह तक जेल में रहे। उनकी तरफ से जब सदन में यह मामला उठाया गया तो पहले विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने इसकी अनुमति नहीं दी। इसके बाद जब विपक्ष के सदस्य सदन में खड़े हो गए और पक्ष-विपक्ष के बीच नोक-झोंक हुई तो विधानसभा अध्यक्ष ने नेता प्रतिपक्ष को बोलने की अनुमति दी।
नेता प्रतिपक्ष का कहना था कि इस पर सदन में प्रश्न संख्या 353 भी लगा था, जिसमें लोकतंत्र प्रहरियों को 12000 से 20000 रुपए की मासिक सम्मान राशि बंद करने की बात कही गई। उन्होंने कहा कि इस राशि को पाने वालों की संख्या 80 के करीब है, जिसे सरकार की तरफ से बहाल किया जाना चाहिए। संसदीय कार्यमंत्री हर्षवर्धन चौहान ने इस दौरान कहा कि यह योजना राजनीतिक व आरएसएस के लोगों को लाभ देने के लिए शुरू की गई। उनका यह भी कहना था कि ऐसे लोगों ने कोई आंदोलन नहीं लड़ा। उन्होंने कहा कि यह लाभ कई पूर्व मंत्रियों एवं विधायकों को दिया गया। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने इस दौरान कहा कि जब इससे संबंधित बिल आएगा तो वह सदन में अपना उत्तर देंगे। अभी संसदीय कार्य मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने अपनी बात रख दी है।
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