हिमाचल प्रदेश

अगले साल से अनिवार्य किया जाएगा यूनिवर्सल कार्टन, बागवानी मंत्री ने विधानसभा सदन में किया एलान

Tara Tandi
23 Sep 2023 8:13 AM GMT
अगले साल से अनिवार्य किया जाएगा यूनिवर्सल कार्टन, बागवानी मंत्री ने विधानसभा सदन में किया एलान
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हिमाचल प्रदेश में अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन का इस्तेमाल अनिवार्य किया जाएगा। विधानसभा मानसून सत्र के छठे दिन बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने इसका एलान किया। उन्होंने कहा कि टेलीस्कोपिक कार्टन पूरी तरह से बंद होगा। बाहरी राज्यों में भी किलो के हिसाब से ही सेब बेचा जाएगा। नहीं मानने वाले प्रदेशों के उच्च न्यायालयों में मामला उठाया जाएगा। बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर की ओर से मामले पर उठाए गए प्रश्न के जवाब में यह जानकारी दी। ठियोग के कांग्रेस विधायक कुलदीप सिंह राठौर ने सदन में यूनिवर्सल कार्टन लागू करने का मामला उठाया। उन्होंने अपने वक्तव्य में कहा कि सेब को किलो के हिसाब से बेचना ऐतिहासिक निर्णय है। इसमें समस्या आएगी भी, क्योंकि यह बहुत महत्वपूर्ण निर्णय है। लेकिन यह संभव नहीं था कि एक-एक पेटी को बाजार में तोलने की व्यवस्था की जाए। भ्रम की स्थिति बनी रही। कई जगह बागवानों में भी नाराजगी हुई। यह नियम केवल हिमाचल प्रदेश में है। बाहर नहीं है। वहां इस तरह की व्यवस्था नहीं है। जब भ्रम की स्थिति बनी तो बहुत से बागवानों से प्रदेश से बाहर जाकर सेब बेचा।
इससे राजस्व की हानि हुई। करोड़ों रुपये खर्च करके यहां पर मंडियां बनाई गई हैं। करोड़ों की लागत से हिमाचल प्रदेश में मंडियां विकसित की गई हैं। बागवानी मंत्री भी मंडियों का दौरा करते रहे। मंत्री रोहित ठाकुर भी बागवानों से लगातार मिलते रहे। उनका यह कहना है कि इसका एक सबसे बढ़िया उपाय है कि ऐसी व्यवस्था बनाएं कि इससे हमेशा के लिए अच्छी व्यवस्था बने। राठौर ने बागवानी मंत्री से अनुरोध किया प्रदेश में यूनिवर्सल कार्टन की व्यवस्था को लागू किया जाए। बाजार में इससे अच्छे दाम नहीं मिल रहे हैं। गुणवत्ता वाला सेब जाएगा तो अच्छा होगा। एक ही मापदंड होने चाहिए। हिमाचल में किलो के हिसाब से बिक रहा है। बाहर किलो के हिसाब से नहीं बिक रहा है। सेब बागवानी के खर्चा देखा जाए तो यह लाभ का काम नहीं रह गया है। इस वक्त बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सेब पर आयात शुल्क घटाए जाने से भी बागवानों को नुकसान हो रहा है। यह मसला पूरे प्रदेश से जुड़ा हुआ है। सेब का सालाना कारोबार पांच हजार करोड़ रुपये है। बागवानी को बचाए जाने की जरूरत है। सभी लोग सहयोग करें। आयात शुल्क बढ़ाया जाए। कुलदीप राठौर ने कहा कि अफगानिस्तान के रास्ते ईरान का सेब आ रहा है। अफगानिस्तान के साथ देश की निशुल्क व्यापार की संधि है। इस बारे में भी सोचे जाने की जरूरत है।
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने ये कहा
बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने जवाब में कहा कि पहली बात जो यह कहा गया है कि सेब किलो के हिसाब से बेचने का निर्णय ठीक से लागू नहीं किया जा रहा है, ऐसा कहना बिलकुल गलत है। वर्तमान सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लिया है। इसे सख्ती से लागू किया गया है। सेब चार हजार प्रति पेटी भी जा रहा है। इसके लिए राजस्व, बागवानी, कृषि अधिकारियों को कहा गया है कि किलो के हिसाब से सेब खरीदने को सख्ती से लागू करें। शुरू में दिक्कत आई, क्योंकि आढ़तियों की एक लॉबी इसका विरोध किया गया। जो आढ़ती विरोध कर रहे थे, उन पर जुर्माना भी लगाया गया। टेलीस्कोपिक कार्टन दो हिस्सों में होता है। इसे खूब भरा जा सकता है। यूनिवर्सल कार्टन सिंगल पीस है, उसमें टेलीस्कोप नहीं है। इस बारे में ग्रेडिंग का एक मानक बनाया गया है। अगर हम मानकों के अनुसार पैकिंग करें तो कार्टन के वजन के हिसाब से 23 किलो तक सेब रख सकते हैं। इस सरकार ने निर्णय लिया है कि अगले साल से यूनिवर्सल कार्टन को जरूरी करने जा रहे हैं। अफगानिस्तान के मामले में आयात शुल्क को घटाया जा रहा है। अमेरिका का सेब 15 प्रतिशत करने की बात हो रही है। अगर ऐसा हुआ तो जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड का सेब तबाह हो जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा था कि विदेशी सेब पर आयात शुल्क बढ़ाएंगे, मगर इसे उल्टा कर दिया है। बाहरी प्रदेशों में भी सेब को किलो के हिसाब से बिकवाया जाएगा। अगर ऐसा नहीं किया गया तो उन राज्यों के उच्च न्यायालयों में यह मामला ले जाएंगे।
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