हिमाचल प्रदेश

संघ ने निर्णय की समीक्षा को उठाई आवाज, क्रशर बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार

Gulabi Jagat
27 Sep 2023 5:24 PM GMT
संघ ने निर्णय की समीक्षा को उठाई आवाज, क्रशर बंद करने के फैसले पर पुनर्विचार करे सरकार
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ऊना: प्रदेश सरकार द्वारा कुछ जिलों में स्टोन क्रशर बंद करने के आदेश पर क्रशर उद्योग संघ सामने आया है। क्रशर उद्योग संघ ने सरकार से इस निर्णय की समीक्षा करने की मांग उठाई है। बुधवार को क्रशर उद्योग संघ के प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह डिंपल ने ऊना मुख्यालय पर पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि सरकार के इस फैसले का काफी प्रतिकूल प्रभाव देखने को मिल रहा है। एक तरफ जहां सभी क्रशर बंद होने के चलते विकास और निर्माण कार्य प्रभावित हो रहे हैं, वहीं इन उद्योगों से जुड़े करीब 70 हजार लोग बेरोजगार होने की कगार पर आ गए हैं। उन्होंने ऐलान किया कि यदि सरकार ने इस मामले में विनम्रता पूर्ण विचार मंथन करते हुए उद्योगों को खोलने की हरी झंडी नहीं दी, तो पूरे प्रदेश के स्टोन क्रशर बंद कर दिए जाएंगे। राजेंद्र सिंह डिंपल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश ही एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां पर खनन का काम नियमों के मुताबिक किया जाता है, लेकिन इसके बावजूद प्रदेश के कुछ जिलों में क्रशर उद्योग को पूरी तरह बंद कर देने के आदेश समझ से परे हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार के इस फैसले के चलते जहां एक तरफ प्रदेश भर में निजी और सरकारी निर्माण कार्य बंद होकर रह गए हैं, वहीं इसका असर हिमाचल प्रदेश में हाल ही में हुई आपदा के बाद पुनर्वास कार्यों पर भी पड़ रहा है। राजेंद्र सिंह ने कहा कि सरकार को सहानुभूति पूर्वक विचार करते हुए स्टोन क्रशर उद्योगों को बंद करने के फैसले को रिव्यू करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यदि अब भी सरकार रिव्यू करने के बाद बंद किए गए उद्योगों को खोलने के निर्देश जारी नहीं करती है, तो संगठन प्रदेश भर में एकजुटता से इस फैसले के विरोध में उद्योगों को बंद करते हुए विभागीय अधिकारियों को चाबी सौंप देगा। इस अवसर पर तेजपाल सिंह, आदित्य शर्मा, गणेश कुमार, संदीप ठाकुर, रोहित मेहता, रमन पाठक, नरेश कुमार, अरूण ठाकुर, रूबी जसवाल, साहिल शर्मा सहित संघ के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
प्रदेश में निर्माण कार्य रुके
करीब डेढ़ महीने से प्रदेश के कुछ एक जिलों में सरकार के आदेशों के बाद क्रशर बंद हो गए हैं। इससे जहां आपदा के मारे लोगों को घर सहित अन्य निर्माण कार्यों में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, वहीं इस उद्योग से रोजी-रोटी कमाने वाले लोगों पर भी इसका असर पड़ा है। क्रशर बंद होने से निजी सहित सरकारी निर्माण कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं।
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