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हिमाचल प्रदेश
महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय मंत्री नित्यानंद के बोल, हर क्षेत्र में बढक़र काम कर रही महिलाएं
Gulabi Jagat
22 Aug 2022 3:25 PM GMT

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शिमला
हिमाचल प्रदेश राजभवन में पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन किया गया। राजभवन में पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की, जबकि कार्यक्रम में बालाजी श्रीवास्तव महानिदेशक पुलिस अनुसंधान और विकास ब्यूरो और पुलिस महानिदेशक हिमाचल प्रदेश संजय कुंडू भी विशेष रूप से उपस्थित रहे। राजभवन में पहुंचने पर मुख्यातिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय का ढोल-नगाढ़ों के साथ भव्य स्वागत किया गया। कार्यक्रम में पहुंचने पर डीजीपी संजय कुंडू ने मुख्यातिथि केंद्रीय गृहराज्य मंत्री नित्यानंद राय को हिमाचल की परंपरा के अनुसार शॉल-टोपी पहनाकर और किन्नौर की एक केतली देकर सम्मानित किया।
राजभवन में पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में देश भर के विभिन्न राज्यों एवं पैरामिल्ट्री फोर्स, सेंट्रल फोर्स की 200 महिला अधिकारियों ने भाग लिया। इस अवसर पर मुख्यातिथि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन शिमला में आयोजित है। हर दो साल बाद बीपीआरएनडी द्वारा राष्ट्रीय महिला पुलिस सम्मेलन आयोजित किया जाता है, जिसमें विभिन्न पहलुओं पर विचार किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कहते हैं कि कोई भी कार्य जब तक उसमें महिलाओं की सहभागिता नहीं होगी तब तक वह पूर्ण नहीं होगा। इसलिए वह महिला सशक्तिकर्ण पर भी बल देते हैं। केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि पिछले आठ वर्षों में राज्यों के पुलिस बलों में, केंद्र के पुलिस बलों में महिलाओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है। (एचडीएम)
महिलाओं को कहनी चाहिए मन की बात
यौन उत्पीडऩ रोकने, पुलिस के अनुकूल बनाने के तरीके पर हुई चर्चा
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
शिमला के राजभवन में 10वें एनसीडब्ल्यूपी का उद्घाटन केंद्रीय गृह राज्य मंत्री श्री नित्यानंद राय ने किया। इस सम्मेलन का मुख्य फोकस पुलिस में महिलाओं से संबंधित विभिन्न लिंग विशिष्ट मुद्दों को संबोधित करना है। मुख्य अतिथि ने अपना मुख्य भाषण देते हुए पुलिस में महिलाओं के सामने आने वाली भूमिकाओं, अवसरों और चुनौतियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि हमारी नवनिर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू इसका जीता-जागता उदाहरण है कि अब देश महिला सशक्तिकरण की ओर बढ़ रहा है। उद्घाटन सत्र के बाद तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया जो होटल हॉलिडे होम में आयोजित किया गया था। तकनीकी सत्र विभिन्न विषयों के इर्द-गिर्द घूमता रहा।
जिसमें अन्य बातों के साथ-साथ पुलिस में जेंडर फ्रेंडली डिजाइन सोच, कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीडऩ की रोकथाम के लिए समितियां और महिला पुलिस कर्मियों को पुलिस के अनुकूल बनाने के तरीके शामिल थे। एडीजीपी विजिलेंस सतवंत अटवाल ने हिमालय में नारीत्व का जश्न मनाते हुए एक लघु फिल्म खेलकर अपने सत्र की शुरुआत की, जिसे सभी ने पसंद किया। उन्होंने टिप्पणी की कि पुलिस में वर्दी, बॉडी-गियर वॉशरूम आदि से लेकर पुरुष मापदंडों के अनुसार बुनियादी ढांचा तैयार किया गया है। उन्होंने जोर देकर कहा कि पुलिस में महिलाओं को अपने मन की बात कहनी चाहिए। सत्र की दूसरी वक्ता अनुराधा शंकर एडीजीपी प्रशिक्षण मध्य प्रदेश थीं। उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे और वर्दी के मामले में औपनिवेशिक तरीके अभी भी भारतीय पुलिस पर हावी हैं। उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा उठाए गए अभिनव महिला हितैषी कदमों की भी जानकारी दी। तमिलनाडु कैडर की 2008 बैच की मिस सोनल चंद्रा आईपीएस दूसरे सत्र के लिए रिसोर्स
पर्सन रहीं।
महिला पुलिस अधिकारी बॉर्डर पर दे रहीं ड्यूटी
स्टाफ रिपोर्टर — शिमला
जिस उम्र में बेटियां करियर बनाने की सोच रही होती हैं, उस उम्र में कई महिला पुलिस अधिकारी देश की सरहदों पर सख्त ड्यूटी दे रही हैं। शिमला के राजभवन में आयोजित पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंची देश के विभिन्न राज्यों की आईपीएस महिला अधिकारियों ने अपने अनुभव साझा किए। खात बात है कि ये महिला अधिकारी उन सरहदों पर तैनात हैं, जहां पर भागौलिक परिस्थितियां विकट हैं। पुलिस में महिलाओं के 10वें राष्ट्रीय सम्मेलन में पहुंची 2015 बैच की आईपीएस अधिकारी नेहा यादव ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश में भारत और चीन की सीमा की सीमा पर स्थित अंजाओ में सेना के साथ एसपी के पद सेवाएं देकर आई हैं। अभी वह अरुणाचल प्रदेश के पीटीसी में प्रिंसीपल के पद तैनात हैं। नेहा यादव दिल्ली की रहने वाली हैं और 26 साल की आईपीएस अधिकारी बन गई थीं। उन्होंने बताया कि बॉर्डर एरिया में न तो सडक़ों की सुविधा है और न ही दुर संचार सेवाओं की सुविधा है। नेहा यादव अंजाओ में स्वास्थ्य सुविधा भी नाममात्र है। इसके अलावा शिक्षा की सुविधा भी प्राइमरी स्तर तक की है। उन्होंने बताया कि वहां पर दूर संचार सेवा की सुविधा न होने के चलते पुलिस को अधिकतर क्राइम की वारदातों का पता नहीं लग पाता।
उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं पर बसे गांवों में सुविधाओं को विकसित करने की जरूरत है। मध्य प्रदेश की एडीजीपी अनुराधा शंकर ने कहा कि पुलिस में महिलाओं की संख्या बढ़ती है, तो पुलिस थानों के स्टाफ के व्यवहार में भी बदलाव आता है। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में महिला पुलिस कर्मियों की संख्या 12 प्रतिशत है और इस बढ़ाकर अब 33 प्रतिशत किया जाएगा। इस पर काम किया जा रहा है। एडीजीपी अनुराधा शंकर ने कहा कि महिलाओं की वर्दी में बदलाव किया जाएगा। वहीं सीमा सुरक्षा बल की असिस्टेंट कमांडेंट प्रीति शर्मा ने बताया कि वह उत्तर प्रदेश के बांदा की रहने वाली हैं। वह उत्तराखंड में नेपाल बॉर्डर पर बनवसा में तैनात हैं। 2019 बैच की आईपीएस अधिकारी प्रीति यादव ने बताया कि वह सहारनपुर में एएसपी के पद पर तैनात हैं। आईपीएस अधिकारी प्रीति यादव चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। उत्तर प्रदेश में पुलिस ने शक्ति मीशन, एंटी रोमियो स्कोड, पेट्रोलिंग बढ़ाई गई है। यूपी पुलिस महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक कर रही है।
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