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प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान के नाम पर ग्रामीण से ठगे 1.38 लाख
रादौर: गांव बापौली में एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के नाम पर फर्जी तरीके से एक लाख, 38 हजार रुपए की राशि खुर्दबुर्द कर दी। मामले की शिकायत गांव के एक व्यक्ति द्वारा सीएम विंडो के माध्यम से मुख्यमंत्री के पास भेजी गई, जिसके बाद मामले की शिकायत जिला लोकपाल के पास पहुंची। जिला लोकपाल सुबा सिंह ने मामले की जांच के बाद पाया कि लाभार्थी को बिना निरीक्षण किए चयन कमेटी के सदस्यों ने एक लाख, 38 हजार रुपए की ग्रांट मकान बनाने के लिए जारी कर दी, जिस पर लोकपाल ने लाभार्थी से उपरोक्त राशि ब्याज सहित वसूल करने के आदेश जारी किए। वहीं, मामले में गलत लाभार्थी का चयन करने पर लोकपाल ने गांव के सरपंच रोहित शर्मा, सचिव विरेंद्र कांबोज, हलका पटवारी धर्मेंद्र व तत्कालीन बीडीपीओ मार्टिना महाजन पर एक-एक हजार रुपए के आर्थिक दंड लगाया।
गांव बापौली निवासी कुलदीप सिंह ने सीएम विंडो में दी शिकायत में बताया कि गांव के शरण कुमार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान बनाने के लिए सरकार से एक लाख, 38 हजार रुपए की ग्रांट राशि ली थी। मकान बनाने को लेकर लाभार्थी ने मकान का नक्शा भी बनवाया था, लेकिन प्रार्थी ने उपरोक्त ग्रांट राशि से गांव में कोई मकान नहीं बनाया। चयन कमेटी के सदस्यों ने लाभार्थी को जारी की गई ग्रांट राशि को लेकर कोई मौका निरीक्षण नहीं किया, जिस कारण मिलीभगत से लाभार्थी को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।
फैसले से असंतुष्ट कोर्ट का खटखटाएंगे दरवाजा
शिकायतकर्ता कुलदीप सिंह ने बताया कि वह लोकपाल के फैसले से संतुष्ट नहीं है। मामले को लेकर वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा। इस बारे गांव के सरपंच रोहित शर्मा ने बताया कि लाभार्थी शरण कुमार का मकान कच्चा था, जिसको लेकर उसने प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया था। इसी आधार पर उन्होंने उसके आवेदन पर हस्ताक्षर किए थे। उन्हें नहीं मालूम की लाभार्थी ने अपने स्तर पर क्या-क्या खरीद की हुई है।