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ऊना: क्रशर उद्योग के विरोध में गांव के लोगो ने उपायुक्त से की शिकायत
स्टेट न्यूज़ल: हरोली विधानसभा क्षे़त्र के गांव ठाकरां में लगने वाले क्रशर उद्योग के खिलाफ स्थानीय लोग डीसी उना के पास पहुंचे हैं। लाखों लोगों की आस्था के केंद्र प्रसिद्ध धार्मिकस्थल डेरा गिड़गिड़ा साहिब एवं डेरा बाबा रोटी राम के संचालकों ने भी ठाकरां में लगने वाले क्रशर उद्योग का कड़ा विरोध जताया है। इन धार्मिकस्थलों में गहरी आस्था रखने वाले श्रद्धालुओं का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को डेरा गिड़गिड़ा साहिब कमेटी के प्रधान सतनाम सिंह सत्ती, पूर्व प्रधान पालकवाह संदीप अग्निहोत्री, वार्ड पंच निशा देवी के नेतृत्व में डीसी उना से मिला। प्रतिनिधिमंडल ने डीसी उना को ज्ञापन सौंपकर इस क्रशर उद्योग पर रोक लगाने की मांग उठाई। पालकवाह वार्ड नंबर नौ पंच निशा का कहना है कि ग्राम पंचायत पालकवाह प्रधान ने क्रशर उद्योग लगाने पर अपने स्तर पर ही एनओसी जारी कर दी। इसमें किसी भी पंच को नही बताया गया और ना ही किसी पंच ने इस पर सहमति जताई है। जब स्थानीय ग्रामीणों को इसका पता चला तो ग्रामीणों ने 24 अप्रेल को हुए आम ईजलास में इसका विरोध किया। जिस पर पंचायत प्रधान ने उस समय एनओसी रद्द करने की बात कही थी। लेकिन अभी तक भी इस एनओसी को रद्द नही किया गया है।
ग्राम पंचायत पालकवाह के पूर्व प्रधान संदीप अग्निहोत्री ने कहा कि उनके कार्यकाल में भी क्रशर उद्योग लगाने के लिए प्रस्ताव आया था, लेकिन उन्होंने इसके लिए एनओसी नही दी। उन्होंने कहा कि उक्त दोनों धार्मिकस्थलों में क्षेत्र के लोगों की गूढ़ आस्था है, यदि जहां क्रशर उद्योग लगता है तो जहां की वन संपदा और जंगली जानवर समाप्त हो जाएगी। वहीं प्रधान सतनाम सिंह ने कहा कि डेरा गिड़गिड़ा साहिब और डेरा रोटी राम जी प्रकृति की गोद में स्थित है, जहां का वातावरण बहुत ही शांतिपूर्ण एवं प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। यदि क्रशर उद्योग जहां स्थापित होता है तो इससे प्रकृतिक को भारी नुक्सान होगा और बहुमूल्य वनसंपदा भी नष्ट हो जाएगी। इसके साथ ही धार्मिकस्थलों का शांतिप्रिय वातावरण भी खत्म हो जाएगा। इसलिए प्रशासन से मांग है कि इस क्रशर उद्योग के लगने पर रोक लगाई जाए और संबंधित पंचायत को एनओसी रद्द करने के निर्देश दिए जाएं, अन्यथा ग्रामीणों को उग्र प्रदर्शन के लिए मजबूर होना पड़ेगा।