हिमाचल प्रदेश

कल से भूख हड़ताल पर ट्रक आपरेटर, एसीसी प्रबंधन के रवैये से खफा बीडीटीएस का फैसला

Renuka Sahu
18 Aug 2022 1:30 AM GMT
Truck operator on hunger strike from tomorrow, BDTS decision upset with attitude of ACC management
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फाइल फोटो 

जिला बिलासपुर ट्रक आपरेटर सहकारी सभा की प्रबंधक कमेटी ने बुधवार को फैसला लिया है कि अगर एसीसी फैक्टरी मैनेजमेंट ने मांगें नहीं मानीं, तो 19 अगस्त से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की जाएगी।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जिला बिलासपुर ट्रक आपरेटर सहकारी सभा (बीडीटीएस) की प्रबंधक कमेटी ने बुधवार को फैसला लिया है कि अगर एसीसी फैक्टरी मैनेजमेंट ने मांगें नहीं मानीं, तो 19 अगस्त से क्रमिक भूख हड़ताल शुरू की जाएगी। आठवें दिन बुधवार को भी सैकड़ों ट्रक आपरेटरों ने बीडीटीएस प्रधान जीतराम गौतम की अध्यक्षता में चल रही मांगों को लेकर हड़ताल पर एसीसी प्रबंधन के खिलाफ शांतिपूर्वक ढंग से सभा कार्यालय से लेकर एसीसी फैक्टरी तक प्रदर्शन किया। खास बात यह है कि आपरेटर तय एग्रीमेंट के तहत सीमेंट व क्लिंकर की ढुलाई का कार्य चाह रहे हैं, जबकि एसीसी प्रबंधन यह करने में असमर्थता जता रहा है और 15 हजार के मुकाबले सिर्फ पांच हजार मीट्रिक टन सीमेंट-क्लिंकर ही देने को तैयार है, जिससे खफा ट्रक आपरेटरों ने मांगें पूरी होने तक अनिश्चितकालीन हड़ताल कर रखी है।

उल्लेखनीय है कि एक बार प्रबंधन समिति की एसीसी फैक्टरी से बैठक भी हुई, लेकिन बेनतीजा ही समाप्त हो गई थी। सभा के प्रधान जीतराम गौतम व महासचिव राजेश ठाकुर ने कहा कि मुख्य मांगों में एसीसी प्रबंधन के साथ हुए अनुबंध के अनुसार 13 हजार मीट्रिक टन सीमेंट व 2 हजार मीट्रिक टन क्लिंकर प्रतिदिन डिस्पैच गाडिय़ों को ढलान के लिए नहीं मिल रहा है। वहीं हिमाचल प्रदेश के लंबी दूरी वाले स्टेशन, पंजाब के बंद किए पुराने डंप बहाली, एसीसी फैक्टरी द्वारा नालागढ़ व अन्य चलाए हुए सीमेंट प्लांटों से एसीसी फैक्टरी का बारदाना लगाकर भेजने पर एतराज इत्यादि अन्य मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन चल रहा है। उन्होंने बताया कि इन समस्याओं के चलते हजारों ट्रक ऑपरेटरों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। हालात इतने खराब हो गए हैं कि नई गाडिय़ों की बैंक की किस्तें देना मुश्किल हो गई है।
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