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हिमाचल प्रदेश
पर्यटन नगरी मनाली से हामटा दर्रे से होकर लेह और लद्दाख जाने वाले ट्रैकरों को अब प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क देना होगा
Ritisha Jaiswal
18 July 2022 1:42 PM GMT
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हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली से हामटा दर्रे से होकर लेह और लद्दाख जाने वाले ट्रैकरों को अब प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क देना होगा
हिमाचल प्रदेश की पर्यटन नगरी मनाली से हामटा दर्रे से होकर लेह और लद्दाख जाने वाले ट्रैकरों को अब प्रति व्यक्ति 50 रुपये शुल्क देना होगा। वन एवं पर्यटन विभाग ने मनाली के जोबड़ी नाला में पहली चेक पोस्ट स्थापित की है। चेक पोस्ट पर सभी को पंजीकरण करवाना होगा। इससे ट्रैकरों का रिकॉर्ड उपलब्ध रहेगा। ऐसे में लापता होने पर ढूंढने या हादसा होने पर तुरंत कार्रवाई करने में भी आसानी होगी। सोमवार को मनाली के जोबड़ी नाला में चेक पोस्ट के शुभारंभ पर डीएफओ एंजल चौहान और जिला पर्यटन अधिकारी सुनैना शर्मा विशेष रूप से मौजूद रहे।
मनाली से हामटा, हामटा से छतड़ू, चंद्रताल, बारालाचा, लद्दाख और हामटा से किब्बर, पारंगला पास, सुमेरी लेक और लेह ट्रैकिंग रूट पर पर्यटक ट्रैकिंग करते हैं। ट्रैकर इन रूटों पर दो महीने तक का समय लगाते हैं। बाहरी राज्यों के पर्यटक एवं ट्रैवल एजेंट बिना पंजीकरण ही इन रूटों पर ट्रैकिंग पर निकलते हैं। हादसा होने पर कई लोगों की जान भी जा चुकी है। बिना पंजीकरण ट्रैकिंग करने वालों पर नजर रखने के लिए वन एवं पर्यावरण विभाग ने संयुक्त रूप से यह चेक पोस्ट स्थापित की है। बाहरी राज्यों के ट्रैवल एजेंट मनमाने तरीके से पहाड़ों में टेंट लगा रहे थे। ट्रैकरों की भी गिनती नहीं हो रही थी
वनमंडल अधिकारी कुल्लू एंजल चौहान ने कहा कि पिछले कुछ सालों से भारी संख्या में पर्वतारोही पहाड़ों का रुख कर रहे हैं। ये लोग होटलों के बजाय पहाड़ों में रहने को प्राथमिकता दे रहे हैं। ट्रैकिंग कारोबार को व्यवस्थित करने की जरूरत थी। भारी संख्या में ट्रैकरों के आने से पहाड़ों में कूड़ा-कचरा भी फैल रहा है और वे मनमाने ढंग से ट्रैकिंग कर रहे हैं। पर्वतारोहियों को वन तथा पर्यटन विभाग के नियमों का पालन करना होगा। पर्यटन विकास अधिकारी सुनैना शर्मा ने कहा कि हामटा की तर्ज पर सभी ट्रैकिंग रूटों में इसी तरह बैरियर लगाए जाएंगे।
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Ritisha Jaiswal
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