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हिमाचल प्रदेश
टीएमसी ने तंत्रिका नली दोष का सफल आपरेशन करके एक और तमगा अपने नाम किया, प्रदेश में पहला प्रयास
Renuka Sahu
15 March 2022 5:46 AM GMT
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फाइल फोटो
डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा के न्यूरोसर्जरी विभाग ने एक जटिल आपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक और तमगा अपने नाम किया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। डा. राजेंद्र प्रसाद मेडिकल कालेज टांडा के न्यूरोसर्जरी विभाग ने एक जटिल आपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम देकर एक और तमगा अपने नाम किया है। टीएमसी के डाक्टरों ने न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट (तंत्रिका नाली दोष) का सफल आपरेशन किया है। कांगड़ा के जवाली का 11 महीने का बच्चा, जो कि कुछ महीने पहले न्यूरोसर्जरी विभाग में पीठ में एक बड़ी सी गांठ और बड़ा सिर लेकर काफी गंभीर स्थिति में लाया गया।
जब बीमारी की गंभीरता का पता चला, तो माता-पिता ने बच्चे को पीजीआई चंडीगढ़ ले जाने की इच्छा जताई, लेकिन वहां जब 15 दिन तक ऑपरेशन तो दूर की बात, दाखिला तक नहीं मिल पाया, तो बच्चे को वापस टीएमसी दाखिल किया गया। इस आपरेशन को न्यूरो सर्जन डा. मुकेश कुमार और उनकी टीम ने चार घंटे की मेहनत के बाद सफलतापूर्वक किया। कालेज प्रधानचार्य डा. भानु अवस्थी ने समस्त टीम को बधाई देते हुए कहा है कि इस तरह का यह पहला ऑपरेशन हिमाचल में किया गया। अब इन मरीजों को प्रदेश के बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
क्या है न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट
न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट दिमाग, स्पाइनल कॉर्ड और रीढ़ की हड्डी की जन्मजात विकृति है। दरअसल, भू्रण के विकास के शुरुआती दिनों में कुछ सेल्स मिलकर एक ट्यूब का निर्माण करते हैं, जिसे न्यूरल ट्यूब कहा जाता है और यह पूर्ण रूप से बंद होने में विफल हो जाए, तो न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट गर्भावस्था के पहले पांच हफ्तों में ही हो जाता है। यह बहुत ही गंभीर जन्मजात रोग है। अगर बच्चे का सही समय पर इलाज़ न हुआ, तो विभिन्न प्रकार की शारीरिक अथवा मानसिक विकलांगता का शिकार हो सकता है।
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