हिमाचल प्रदेश

क्रिसमस पर पहाड़ों की रानी शिमला में उमड़े हजारों सैलानी, मनाली में भी लोगों की जाम

Kunti Dhruw
25 Dec 2021 4:01 PM GMT
क्रिसमस पर पहाड़ों की रानी शिमला में उमड़े हजारों सैलानी, मनाली में भी लोगों की जाम
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देशभर से हजारों सैलानी क्रिसमस मनाने पहाड़ों की रानी शिमला पहुंचे हैं।

देशभर से हजारों सैलानी क्रिसमस मनाने पहाड़ों की रानी शिमला पहुंचे हैं। वीकेंड के चलते सैलानियों की आमद दोगुनी हो गई। शहर के होटलों में ऑक्यूपेंसी 100 फीसदी रही। सड़कों पर लंबे ट्रैफिक जाम के कारण सैलानियों और स्थानीय लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ी। न्यू ईयर तक शहर सैलानियों से गुलजार रहने की उम्मीद है। क्रिसमस पर पूरे दिन रिज मैदान और मालरोड सैलानियों से गुलजार रहा। हजारों की संख्या में सैलानी रिज मैदान पहुंचे। दोपहर के समय रिज पर तिल धरने की भी जगह नहीं बची।

रिज मैदान से लक्कड़ बाजार, मरीना चौक, एजी चौक तक सैलानियों का हुजूम जुटा रहा। बड़ी संख्या में सैलानियों ने साथ लगते पर्यटन स्थलों कुफरी, नारकंडा, मशोबरा और नालदेहरा का भी रुख किया। शाम के समय टूरिस्टों को शहर के होटलों में कमरे ढूंढे नहीं मिले। सैलानियों की भारी भीड़ का होटल, बेड एंड ब्रेक फास्ट और होम स्टे संचालकों ने भी खूब फायदा उठाया। कई जगह कमरों के एवज में जमकर ओवरचार्जिंग भी की गई। शिमला में कमरे न मिलने के कारण टूरिस्टों को मशोबरा, नालदेहरा, फागू और ठियोग में कमरे तलाशने पड़े। क्रिसमस के मौके पर शहर के होटलों और रेस्टोरेंटों में डायन एंड डांस और गाला नाइट का आयोजन किया गया है।
भारी संख्या में सैलानियों ने पार्टी में भाग लिया। शहर के निजी और पर्यटन निगम के होटलों में आयोजित कार्यक्रमों के बाद सैलानियों को गिफ्ट भी बांटे जा रहे हैं। पर्यटन विकास निगम के होटल हाली डे होम में आयोजित कश्मीरी फूड फेस्टिवल के दौरान सैलानियों ने लजीज व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
वहीं, ईसाई समुदाय के लोगों ने गिरिजाघरों में यीशु मसीह की प्रतिमा के सामने कैंडल जलाईं। प्रार्थना सभा में लोगों ने प्रार्थना की कि नया साल लोगों के लिए खुशियां लेकर लाए। रिज स्थित क्राइस्ट चर्च के बाहर सुबह से ही लोगों की भीड़ जुटनी शुरू हो गई थी लेकिन कोविड प्रोटोकॉल को देखते हुए केवल 50 फीसदी लोगों को चर्च में जाने की अनुमति दी गई। चर्च में करीब पांच 500 लोगों के बैठने की व्यवस्था है। लेकिन, यहां पर करीब ढाई सौ लोगों को ही प्रवेश दिया गया। चर्च के पादरी सोहन लाल ने यह जानकारी दी.


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