हिमाचल प्रदेश

प्री वोकेशनल के तहत विद्यार्थियों को हुनर सिखाने वालों को मिलेगा मानदेय

Shantanu Roy
25 July 2022 6:05 PM GMT
प्री वोकेशनल के तहत विद्यार्थियों को हुनर सिखाने वालों को मिलेगा मानदेय
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शिमला। प्री वोकेशनल के तहत विद्यार्थियों को स्थानीय हुनर सिखाने वालों को मानदेय दिया जाएगा। इन्हें प्रति लैक्चर लगभग 500 रुपए मिलेंगे। गैस्ट फैकल्टी के तौर पर इनकी सेवाएं ली जाएंगी। इसको लेकर समग्र शिक्षा की ओर से सभी जिलों क ो निर्देश जारी कर दिए गए हैं, ऐसे में चिन्हित स्कूल के छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थी प्री वोकेशनल के तहत प्रशिक्षण लेंगे। इस दौरान 1240 स्कूलों में यह योजना शुरू होगी। इन स्कूलों के विद्याॢथयों को स्थानीय दस्तकार, शिल्पकार, बुनकर व अन्य हुनर सिखाने वालों के पास प्रशिक्षण के लिए भेजा जाएगा।

विद्याॢथयों को 10 दिन क ा प्रशिक्षण दिया जाएगा। हालांकि इसके लिए पहले ही स्कूलों को स्थानीय दस्तकारों, शिल्पकार, बुनकर, बांस की लकड़ी से उत्पाद बनाने वाले व अन्य स्थानीय विधाएं देने वालों की सूची बनाने व इन्हें इम्पैनल करने को कहा गया है, ताकि आगे भी यह विद्यार्थियों को टेनिंग दे सकें। बताया जा रहा है कि स्कूलों ने इनकी सूची तैयार कर दी है। जिला स्तर पर विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, जिससे कि आगे उनके लिए रोजगार के द्वार खुल सकें। विद्यार्थियों को उनकी रुचि के मुताबिक ही यह प्रशिक्षण करवाया जाएगा। योजना के तहत प्रति स्कूल 15 हजार रुपए दिए जाएंगे, जो गैस्ट फैकल्टी के मानदेय और विद्यार्थियों की रिफ्रैशमैंट पर खर्च किए जाएंगे।

प्रशिक्षण के बाद विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए उत्पादों की लगेगी प्रदर्शनी
प्रशिक्षण लेने के बाद विद्यार्थी जो उत्पाद तैयार करेंगे उनकी प्रदर्शनी लगाई जाएगी। जिला स्तर पर यह प्रदर्शनी लगेगी, ताकि विद्यार्थियों का मनोबल बढ़े।
वोकेशनल शिक्षा में हब एंड स्पोक मॉडल की तैयारी
समग्र्र शिक्षा ने राज्य के 57 स्कूलों में वोकेशनल शिक्षा में हब एंड स्पोक मॉडल शुरू किया है। इसमें एक स्कूल को सैंटर बनाया जाएगा और उस सैंटर के तहत कई स्कूलों को शामिल किया जाएगा। इस दौरान विद्यार्थियों की ट्रेनिंग भी सैंटर स्कूल में करवाई जाएगी। इस शैक्षणिक सत्र से प्रदेश के 54 स्कूलों में भी वोकेशनल शिक्षा शुरू की जा रही है। जल्द इसमें ट्रेड फाइनल किए जाएंगे। राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा डा. वीरेंद्र शर्मा का कहना है कि 1240 स्कूलों में छठी से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को प्री वोकेशनल शिक्षा के तहत ट्रेनिंग करवाई जा रही है। स्थानीय दस्तकार, शिल्पकार, बुनकर विद्यार्थियों को ट्रेनिंग देंगे। इन्हें इसके लिए मानदेय दिया जाएगा
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